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स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं जेई, एईएस व डेंगू के 61 मरीज



■ एईएस के 55, डेंगू के 4 व जेई के 2 मरीज आए हैं प्रकाश में
■ बीमारी की रोकथाम के लिए दी जा रही है नियमित सलाह

आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। जिले के जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) व एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के मरीजों की निरन्‍तर निगरानी की जा रही है । जिले में 61 मरीज इस तरह के हैं जो वर्तमान सत्र में प्रकाश में आए हैं। स्वास्थ्य विभाग इन मरीजों की निगरानी कर रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जिले का कोई भी व्‍यक्ति देश के किसी भी अस्‍पताल में जेई, एईएस तथा डेंगू की चपेट में आता है तो उसकी सूची वहां से जिले को आती है। ऐसे  रोगियों को राष्‍ट्रीय पोर्टल पर पंजीकृत किया जाता है। जिले में इलाज कराने वाले तथा बाहर इलाज कराने वाले जेई, एईएस व डेंगू और अन्‍य संचारी रोगों के कुल 61 मरीज वर्ष 2019 में अभी तक सामने आए हैं। इनमें 55 मरीज एईएस, 4 मरीज डेंगू व 2 मरीज जापानी इंसेफेलाइटिस के हैं। इन मरीजों की सूची सम्‍बन्धित ब्‍लाक में काम कर रही मलेरिया विभाग की टीम को इस निर्देश के साथ दी जाती है कि वह  उन मरीजों की निगरानी करते रहें तथा उनको उचित परामर्श के साथ ही जरुरत के अनुसार चिकित्‍सकीय सुविधा भी देते रहें।  मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ हरगोविन्‍द सिंह ने बताया कि मरीजों की निरन्‍तर निगरानी मलेरिया विभाग की टीमें कर रही हैं।  प्रयास रहता है कि रोगी और उसके परिजन पूरी तरह से स्‍वस्‍थ रहें।

जरूरी है निगरानी

जिले के एपीडेमियोलाजिस्‍ट ( महामारी रोग विशेषज्ञ ) डॉ मुबारक अली ने बताया कि चिकित्‍सालय से आने के बाद  दवाओं का उचित प्रयोग न करने तथा सावधानी और परहेज न बरतने पर कभी-कभी रोग फिर से पांव पसारने लगता है । मरीजों को यह सलाह दी जाती है कि निरन्‍तर पानी उबालकर पीएं, मच्‍छरदानी में ही  सोएं  ।  साथ ही जिला मलेरिया अधिकारी के साथ अन्‍य चिकित्‍सकों की टीम कई चक्रों में रोगी की जांच करती है।

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