Type Here to Get Search Results !

Action Movies

Bottom Ad

छठ पर्व के पहले अर्घ्य षष्ठी को मनकापुर कोतवाल ने जूता पहनकर सूर्य को दिया अर्घ्य



ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। शनिवार को छठ पर्व पर पहले अर्घ्य षष्ठी तिथि को आईटीआई मनकापुर में अर्घ्य दिया गया। यह अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है। इस समय जल में दूध डालकर सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया जाता है।
माना जाता है कि सूर्य की एक पत्नी का नाम प्रत्यूषा है और यह अर्घ्य उन्हीं को दिया जाता है। संध्या समय अर्घ्य देने से कुछ विशेष तरह के लाभ भी होते हैं। इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मनकापुर के कोतवाल ने सायंकाल अर्घ्य देने के दौरान जूते उतारना भी उचित नहीं समझा और उन्होंने जूते पहनकर ही सूर्य को अर्घ्य दिया।
     आज छठ के पहले अर्घ्य के दौरान आईटीआई मनकापुर में छठ पर्व, छठ या षष्ठी पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोक-पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड, पूर्वी प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व बिहारियों का सबसे बड़ा पर्व है। यह उनकी संस्कृति है। छठ पर्व बिहार के साथ अब उत्तर प्रदेश में भी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। बताते हैं कि यह पर्व बिहार कि वैदिक आर्य संस्कृति की एक छोटी सी झलक दिखाता है। मुख्य रूप से ऋषियों द्वारा लिखी गई ऋग्वेद में सूर्य पूजन, ऊषा पूजन और आर्य परंपरा के अनुसार बिहार में यह पर्व मनाया जाता है।
    चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाये जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाये जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। पारिवारिक सुख-समृद्धी तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है। स्त्री और पुरुष समान रूप से इस पर्व को मनाते हैं। 
       शनिवार को आईटीआई मनकापुर में आस्था में लीन दिखे भक्तों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मनकापुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक भी पहुंचे। उन्होंने इस अवसर पर सायंकाल सूर्य को अर्घ्य दिया लेकिन जूते नहीं उतारे, जबकि वहां मौजूद अन्य लोगों द्वारा नंगे पैर होकर सूर्य को अर्घ्य दिया गया। 

Below Post Ad

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Comedy Movies

5/vgrid/खबरे