ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। शिक्षा में नवाचार की विशेष महत्ता है। विज्ञान की शिक्षा किसी भी स्थिति में बिना नवाचार के संभव नहीं है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के विज्ञान परिसर में भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. एसएन शुक्ल ने ये बातें कहीं।
उन्होंने ऐसे आयोजन को विद्यार्थियों के लिए बहुपयोगी बताते हुए भौतिक विज्ञान विभाग एवं उसके अध्यक्ष तथा महाविद्यालय के मुख्य नियंता डॉ. जितेंद्र सिंह की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने बीते वर्ष अपनी पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय के 15 दिवसीय शैक्षणिक यात्रा में अनुभूत अकादमिक माहौल और वहां के छात्र-छात्राओं की अध्ययन पद्धति एवं शोध उपलब्धियों को साझा किया। मुख्य अतिथि प्रो. एसएन शुक्ल ने महाविद्यालय पुस्तकालय के आटोमेशन पर प्रसन्नता व्यक्त की। अतिथि प्रोफेसर शुक्ल ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए। विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफ़ेसर एसएन शुक्ल को महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वंदना सारस्वत ने गुलदस्ता एवं डॉ. जितेंद्र सिंह ने उत्तरीय व स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. श्रवण कुमार श्रीवास्तव ने प्रति कुलपति को शंखाकार गमले में शोभित घृतकुमारी के पौध को भेंट कर उनका अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि प्रो. शुक्ल ने छात्राओं द्वारा इसरो के चंद्रमिशन अभियान-3 पर छात्राओं में प्राची श्रीवास्तव, स्वाति शुक्ला, अनुराधा, अंबिका, सिमरन, निधि द्वारा उकेरी गई विज्ञान - रंगोली की प्रशंसा की और इस मौके पर उन्होंने पौधरोपण भी किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. शुक्ल ने महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. डीके गुप्त को अंगवस्त्र, बुके एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित भी किया। महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव उमेश शाह ने मुख्य अतिथि का अभिनंदन करते हुए छात्र- छात्राओं को अपने अध्ययन और अनुसंधान में प्रौद्योगिकी के महत्व को समझने और उसे अपनाने की जरूरत पर बल दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है। हमें अपनी पाठ्यचर्या को बदलने की जरूरत है और उसे तकनीक से लैस करने की जरूरत है। सचिव उमेश शाह ने कहा कि महाविद्यालय के प्राध्यापकों को अपनी अध्यापन प्रविधि में बदलाव कर तकनीक को योजित करने की जरूरत है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वंदना सारस्वत ने आगत अतिथि प्रोफेसर एसएन शुक्ल के प्रति आभार व्यक्त किया और छात्र छात्राओं को अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए प्रेरित किया।
सिलिकॉन कंट्रोल्ड रेक्टिफायर, एंप्लीफायर, लैटिस डिफेक्ट, फील्ड इफेक्ट ट्रांजिस्टर जैसे टॉपिक पर ज्योति जायसवाल, आनंद तिवारी, अनुराधा, स्वाति शुक्ला, अपर्णा श्रीवास्तव, शालिनी पांडे जैसे छात्र -छात्राओं ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुति दी। समापन सत्र का आरंभ स्मृति शर्मा, स्वाति द्विवेदी, श्रेया तिवारी, वैष्णवी मिश्रा, सुधा मिश्रा, अंबिका द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना एवं मनु सिंह, प्रिया मिश्रा, अपूर्वा श्रीवास्तव, मोनिका शर्मा द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत से हुआ।
भौतिक विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष कुमार श्रीवास्तव, डॉ. डीएन पांडेय, डॉ. अनूप शुक्ल, शोभित मौर्य, नम्रता शुक्ला सहित विज्ञान संकाय के सभी प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों शैलेंद्र सिंह, सुखदेव, रामवचन, राजेन्द्र प्रसाद के रचनात्मक सहयोग ने सेमिनार को भव्यता प्रदान की।
कार्यक्रम का संचालन प्रियांशी, स्मृति, अर्पणा एवं मनु द्वारा किया गया।
सेमिनार के समापन सत्र के इस मौके पर निवर्तमान आचार्य डॉ. पीएन लाल श्रीवास्तव, निवर्तमान पूर्व मुख्य नियंता डॉ. ओंकार पाठक, डॉ. जेबी पाल, डॉ. बीपी सिंह, डॉ. शैलेंद्र नाथ मिश्र, डॉ. राम समुझ सिंह, डॉ. संजय पांडेय, डॉ. शिवशरण शुक्ल, डॉ. रेखा शर्मा, डॉ. जयशंकर तिवारी, डॉ. अवधेश वर्मा, डॉ. लोहंस कल्याणी, डॉ. चमन कौर, डॉ. पुष्यमित्र मिश्र, डॉ. मनोज मिश्र आदि की उपस्थिति रही।
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