शिवेश शुक्ला
प्रतापगढ़ अझारा लालगंज में धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी के शिष्य स्वामी ओमानंद जी महाराज अध्यक्ष अखिल भारतीय श्री राम राज्य परिषद ने मुख्य यजमान पंडित रामकिशुन पांडे एवं श्रीमती मनोरमा पांडे को श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह का श्रवण कराते हुए कहा कि जीव सुख में भगवान को विस्मॄत कर देता है ।यदि सुख में परमात्मा की याद ज्यादा करेंगे तो दुख आएगा ही नहीं, परमात्मा को कभी भूलो नहीं भगवान हमेशा मेरे साथ हैं, यह मन में विश्वास होना चाहिए। भगवान नारायण के वैसे तो 24 बंदनीय अवतार हैं लेकिन उसमें दो मुख्य हैं। प्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राघवेंद्र सरकार का दूसरा भगवान श्री कृष्ण का।
्संसार में तीन राम हुए। एक जिन्होंने तपस्या करके हाथ में फरसा लेकर लोगों को राम भक्तों के मार्ग को प्रशस्त करते हुए सही रास्ता दिखाया। वह भार्गव राम परशुराम कहलाए। दूसरे राम कर्मयोगी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और तीसरे शेषावतार माता देवकी के सांतवें गर्भ में आकर माता रोहिणी के गर्भ में प्रवेश कर ज्ञानयोगी बलरामजी के रूप में अवतरित हुए । भगवान नारायण देवकी के गर्भ में कंस के कारागार में अवतार लिया और वहां से वसुदेव जी ने उन्हें नंद बाबा के घर पहुंचा दिया।7 दिन के कन्हैया को पूतना मारने आई। अविद्या रूपी पूतना का भगवान ने उद्धार किया। "गावो विश्वस्य मातर:" गाय विश्व की माता है। आप गौ सेवा करते हैं तो 33 करोड़ देवताओं की सेवा का फल मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण 5 वर्ष की आयु में गोपालक बने और ईश्वर रूपी कृष्ण ने जीव रूपी गोपिकाओं की अविद्या रूपी वस्त्र का हरण किया। गोपी कौन है गो माने इंद्रियां पी माने पीना जो समस्त इंद्रियों के द्वारा भगवान के गुणों का रसास्वादन करें वही गोपी है। भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन करना सूरज को दीपक दिखाने के समान है। आपने अघासुर, वकासुर,तृणावर्त, शकठासुर आदि का उद्धार एवं कालिया नाग का मान मर्दन किया।सात दिन के कन्हैया ने 7 दिन 7 रात अपने बाएं हाथ की कनखी पर गोवर्धन को धारण किया। इंद्र के घमंड को चूर किया इंद्र ने सुरभि नामक गाय के दूध से ऐरावत के सूड़ में भरकर भगवान का अभिषेक किया और गोविंद नाम से पूजन किया। चिंतन मेरे गोविंद का करो, चिंता संसार की त्यागो, चिंता को त्याग कर चिंतन को बढ़ाओगे तो गोविंद अवश्य मिलेगा। भगवान श्री कृष्ण इस संसार के कल्याण के लिए साक्षात कर्म योगी बने ।भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने जो किया है उसे हमें करना चाहिए ,तथा भगवान श्री कृष्ण ने जो कहा है उसे हमें करना चाहिए। कार्यक्रम में धर्माचार्य ओमप्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास रामानुज आश्रम ने व्यासपीठ पर विराजमान ओमानंद जी महाराज को अंगवस्त्रम एवं 51 शक्तिपीठों में एक स्वरचित मां वाराही देवी महात्म्य की पुस्तक एवं भगवान जगन्नाथ जी का महाप्रसाद भेंट किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ज्ञान प्रकाश शुक्ला एडवोकेट अध्यक्ष राष्ट्रीय रूलर बार एसोसिएशन, सुशील कुमार पांडे, डॉक्टर रमेश चंद पांडे, आचार्य राजेश मिश्र ,डॉ ज्ञानेंद्र त्रिपाठी कोठीवाल, विद्यासागर तिवारी ,आर,पी मिश्रा, प्रवीण मिश्रा ,उमाशंकर मिश्रा ,मनीष चंद्र पांडेय, अच्युत कश्यप पांडे, सुरेश पांडे, आचार्य कमलेश तिवारी, गिरीश दत्त मिश्रा ,जय प्रकाश पांडे, शिवम मिश्रा सहित भारी संख्या में लोग कथा का आनंद प्राप्त किए।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ