अखिलेश्वर तिवारी
‘‘विश्व किडनी दिवस’’ पर विशेष
गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए जीवन शैली में सुधार, फास्ट फूड से परहेज, वजन पर नियंत्रण जरूरी
बलरामपुर ।। किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो हमारे स्वस्थ्य जीवन के लिए बेहद आवश्यक है, लेकिन किडनी रोगों के बारे में आज भी लोगों को बहुत कम जानकारी है। इसलिए विश्व किडनी दिवस मनाने का उद्देश्य हमारे स्वास्थ्य के लिए गुर्दे के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन का उद्देश्य लोगों में गुर्दे की बीमारी और इससे जुड़े स्वास्थ्य मुद्दों की जानकारी को बढ़ाकर बुरे प्रभाव को कम करना है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. घनश्याम सिंह ने बताया कि इस बार गुरूवार को ‘‘किडनी हेल्थ फाॅर एवरीवन एवरी व्हेयर’’ थीम पर विश्व किडनी दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूक कराना है, जिससे गुर्दे की बीमारी के कारण होने वाली मृत्युदर को कम किया जा सके। उन्होने बताया लोगों को स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना चाहिए। किडनी की बीमारियों की रोकथाम में जीवनशैली एक अहम भूमिका निभाती है। स्वस्थ्य जीवनशैली के नियमित पालन से इन बीमारियों से बचा जा सकता है। किडनी के रोगों से बचने के लिए इस ओर तत्काल ध्यान देने और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है। दिल दिमाग और जिगर के बाद अब लोगों में किडनी की बीमारी तेजी से फैल रही है। बढ़ता तनाव, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर इसके प्रमुख कारण हैं। साथ ही आधुनिक जीवनशैली भी इसके लिए जिम्मेदार मानी जा रही है। एसीएमओ डा. ए.के. सिंघल का कहना है कि लोगों में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर बढ़ने से गुर्दा रोग की आशंका बढ़ रही है। उन्होने बताया कि उच्च रक्तचाप के रोगियों को अपना ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रखना चाहिए। इसी तरह मधुमेह के रोगियों को शुगर की मात्रा कंट्रोल में रखनी चाहिए। अपनी मर्जी से दवाइयों का सेवन कभी नहीं करना चाहिए। पेनकिलर जैसी कुछ दवाईयां ऐसी है जो सीधे गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए जीवन शैली में सुधार, फास्ट फूड से परहेज, वजन पर नियंत्रण जरूरी है। गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए खूब पानी पीने के साथ प्रोटीन और पोटेशियम वाली चीजों से भी परहेज करना चाहिए।
किडनी की बीमारी के शुरुआती लक्षण
अगर आप किडनी की बीमारी से ग्रस्त है तो आपको दिन में लगातार कई बार उल्टी (वोमिटिंग) आएगी, भूख भी आपको कम लगने लगेगी। इसी के साथ आपको कमजोरी और थकान महसूस होने लगेगी। पेशाब कम आने लगता है, खुजली की समस्या होना, नींद नहीं आना और मांसपेशियों में खिंचाव होना प्रमुख हैं। किडनी की बीमारी से बचने के लिए पैकिंग वाला खाना खाना बिल्कुल बंद कर दे, जिसमें चिप्स, नमकीन, अचार और चटनी इत्यादि शामिल है।
लोगों में है जागरूकता की कमीं
किडनी रोग को लेकर लोगों में जागरूकता की कमीं है। लोग इस रोग के प्रति उतने जागरूक नहीं है जितने अन्य बीमारियों के प्रति हैं। क्रॉनिक रिनल फेल्योर ‘सीआरएफ’ के बारे में जागरूकता ना होने के कारण लोग गुर्दे की बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
आधुनिक जीवनशैली जिम्मेदार
गुर्दा खराब होने के पीछे मुख्य वजह बिगड़ती जीवन शैली है। तनाव, भागदौड़, अस्त-व्यस्त, अनियमित खानपान के चलते उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं जिनसे क्रॉनिक रिनल फेल्योर बढ़ता जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार 10 सीएफआर के मरीजों में तीन-चार मरीजों का गुर्दा डायबिटीज की वजह से खराब होता है। इसके अलावा गुर्दा रोगियों के दिल संबंधी रोग की आशंका ज्यादा होती है।
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