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बलरामपुर:कोरोना विध्वंसक 21 दिवसीय चतुर्वेद सत्कर्म महायज्ञ पूर्णाहुति के साथ संपन्न


अखिलेश्वर तिवारी 
बलरामपुर ।। जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय के मोहल्ला खलवा स्थित आर्य वीर दल देवीपाटन परिमंडल कार्यालय ओम भवन में कोरोना लाकडाउन के बीच 26 मार्च से चल रहे "21 दिवसीय कोरोना नाशक चतुर्वेद शतकम महायज्ञ"  के समापन दिवस पर आज ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः 4 से 6 बजे तक वेद मंत्र जाप और अष्टांग योग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा,ध्यान और समाधि) के  पश्चात पूर्णाहुति आरंभ हुई । पूर्णाहुति के साथ है पिछले 31 दिनों से चल रहे  चतुर्वेद सत्कर्म महायज्ञ  का समापन हो गया  महायज्ञ के समापन अवसर पर सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए पांच हवन कुंड रखे गए और प्रत्येक हवन कुंड पर बारी - बारी से मात्र 2 लोग ही बैठकर आहुति डाले । एक पंक्ति में सभी महिलाएं और दूसरी पंक्ति में  सभी पुरुष बैठ कर हवन कुंड में पूर्णाहुति की आहुति डाली। अमृतसर पंजाब से आए हुए अंतरराष्ट्रीय भजन उपदेशक पंडित दिनेश आर्य पथिक ने "भूले ना भूले ना भूले ना प्रभु याद रहे" ईश् भजन तथा "कोरोना से डरो ना तुम कोरोना भाग जाएगा -अगर मोदी जी की बातों को यह मानव मान जाएगा "तथा" सुनते जाना सुनते जाना देश प्रेम का गाना"  कोरोना  योद्धाओं को समर्पित राष्ट्रगीत तथा "दुनिया वालों देव दयानंद हमें जगाने आया था "दयानंद गीत सुना कर वायुमंडल को देश भक्ति और राष्ट्र प्रेम से गुंजायमान करते हुए आनंद की वर्षा कर दिया । 
        
                      कार्यक्रम संयोजक अशोक आर्य ने बताया कि वैदिक वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार गिलोय ,नागरमोथा, अश्वगंधा, पित्तपापड़ा , अगर ,तगर , जटामांसी, सुगंध वाला, सुगंध कोकिला, तुलसी बीज, धूप, चंदन, लोंग, इलाइची, जायफल, जावित्री, नारियल, छुहारा, बादाम, मुनक्का, मिश्री, गुड ,कपूर सहित 33 प्रकार की जड़ी बूटियों को कूट पीसकर गाय के घी में मिलाकर विशेष हवन सामग्री बनाई गई थी । उसी हवन सामग्री से से 21 दिनों तक ऋग्वेद, यजुर्वेद सामवेद और अथर्ववेद के 100-100 मंत्रों से आहुति दी गई ! उन्होंने आगे बताया कि यज्ञ चिकित्सा कोई टोना टोटका व पाखंड नहीं है, बल्कि प्रदूषण दूर करने की एक वैज्ञानिक पद्धति है । यज्ञ से शोधित प्राणवायु विस्तृत क्षेत्र में चारों ओर फैल करके लोगों के श्वसन मार्ग से होती हुई फेफड़े और पुनः रक्त के साथ एक -एक कोशिका के अंदर  प्रवेश कर जाती है । उस प्राणी पर विषाणु, जीवाणु और कवक का दुष्प्रभाव नहीं हो पाता है और उसका शरीर प्रतिरोधी बन जाता है। ईश्वर कृपा एवं यज्ञ अनुष्ठान से देवीपाटन परिमंडल के चारों जिलों तथा आसपास के सभी जिलों में कोरोना वायरस का प्रकोप नहीं रहा। हरि कांत मिश्रा, महेंद्र त्रिपाठी ,अमरेंद्र सिंह, सत्य प्रकाश शुक्ला, राम शंकर तिवारी, वृंदा देवी, सीतापति, किरन त्रिपाठी, किरण सिंह, पार्वती पार्वती मिश्रा, रवि मिश्रा, रजत मिश्रा, आरिका सिंह, आर्यव्रत, देवव्रत तथा आदित्य प्रसाद तिवारी ने बारी- बारी से दो चक्रों में अपने अपने आहुतियां डाली ।

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