अखिलेश्वर तिवारी
बलरामपुर ।। बैश्विक महामारी को रोना के चलते चल रहे लॉक डाउन के दौरान तमाम स्वयंसेवी संस्थाएं तथा संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा पके पकाए भोजन से युक्त लंच पैकेट जगह-जगह वितरित किए जा रहे हैं। भोजन का पैकेट शुद्ध और सेनिट्राई जेशन पद्धति में तैयार किया गया है अथवा नहीं इस बात का कितना ख्याल रखा जा रहा है, यह संदेह के घेरे में है । लंच पैकेट को सुरक्षित तैयार कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए किसी भी स्वयंसेवी संस्था या संभ्रांत व्यक्तियों द्वारा बगैर अनुमति लंच पैकेट वितरित करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है ।
जिला मजिस्ट्रेट कृष्णा कॉलेज ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों व असहायों को स्वयंसेवी संगठन, एनजीओ व व्यक्तियों द्वारा भोजन कराया जा रहा है। किंतु प्रायः देखने में आ रहा है कि इस कार्य में लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है व यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इस कार्य में करोना संक्रमण न फैले। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि जो भी स्वयंसेवी संगठन , एनजीओ तथा व्यक्ति गरीबों को पका पकाया भोजन का पैकेट बांटना या देना चाहते हैं वे कम्युनिटी किचन के माध्यम से ही लोगों को भोजन मुहैया कराएं। कम्युनिटी किचन का रजिस्ट्रेशन संबंधित थाना तहसील या फिर नगर निकाय में आवश्यक रूप से कराना होगा। जरूरतमंद लोगों के लिए रोजाना बनाए जा रहे भोजन, मेन्यु एवं किस क्षेत्र में किस समय के मध्य भोजन वितरण के जाएगा इसकी सूचना जिले के राहत कंट्रोल रूम तथा संबंधित एसडीएम, थानाध्यक्ष को देनी होगी। जिला मजिस्ट्रेट ने साफ तौर पर कहा है कि बिना प्रशासनिक अनुमति के जिले में किसी भी स्वयंसेवी संगठन अथवा व्यक्ति की ओर से यदि पके पकाए भोजन का वितरण किया जाएगा तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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