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BALRAMPUR... नौ दिवसीय यज्ञ संपन्न

आनन्द मणि तिवारी/वेद मिश्र
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन किए जाने के अवसर पर बलरामपुर जिला मुख्यालय के ओम भवन पर राम राज्य की स्थापना तथा राम मंदिर निर्माण सकुशल संपन्न होने के उद्देश्य को लेकर 9 दिवसीय विश्व शांति यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसका समापन भूमि पूजन अवसर पर बुधवार को हुआ। अयोध्या जी में भूमि पूजन से पूर्व यज्ञ का समापन भाजपा के विधायक पलटू राम तथा कैलाश नाथ शुक्ला, आर्य वीर दल के संयोजक आर्य अशोक तिवारी तथा संरक्षक सेतुबंध त्रिपाठी की मौजूदगी में संपन्न कराया गया । विधायक पलटू राम तथा कैलाश नाथ शुक्ला ने श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भले ही हम लोग अयोध्या जी में मौजूद नहीं है लेकिन हम आज इस यज्ञ मैं आहुति के माध्यम से अपना श्रद्धा तथा अपनी शुभ आकांक्षाएं भगवान राम को समर्पित कर रहे हैं । भारत विश्व गुरु बने, राम मंदिर निर्माण सकुशल संपन्न हो और भगवान राम पूरे विश्व का कल्याण करें । 
        आर्य वीर दल के संरक्षक आर्य अशोक तिवारी ने बताया  कि श्रीराम जन्मभूमि शिलान्यास के उपलक्ष में ओम भवन में 28 जुलाई से चल रहे "नौ दिवसीय पंच महायज्ञ" के समापन दिवस पर ओम भवन परिवार द्वारा प्रातः काल 4 बजे से ही मंत्र जाप और भजन का कार्यक्रम आरंभ कर दिया गयाा । प्रातः 11 बजे सदर विधायक पलटू राम, तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला, संरक्षक सेतु बन्धु त्रिपाठी सेतु बाबा , स्वामी आत्मानंद, डॉ.ए के सिंह, डॉ. दिनेश मिश्रा, सत्य प्रकाश शुक्ला, हरि कांत मिश्रा तथा उन्होंने स्वयं अलग अलग रखे हुए नौ हवन कुंडों में आहुति देकर पूर्णाहुति संपन्न कियाा । इस अवसर पर दयानंद वाटिका का निर्माण कर उसमें ३३ कोटि देवताओं के प्रतिनिधि के रूप में ३३ दुर्लभ प्रजाति के पौधों का रोपण भी किया गया । उन्होंने बताया कि यज्ञशाला में हवन के सभी वैदिक मंत्र लगवा दिए गए हैंं, ताकि यज्ञशाला में हवन में बैठे सभी लोग बिना पुस्तक के मंत्र पढ़कर हवन कर सकें। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में बताया कि आर्य वीर दल द्वारा पर्यावरण को शुद्ध करने वाले दोनों श्रेष्ठ कार्य (यज्ञ और वृक्षारोपण) करके एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया गया है । विशिष्ट अतिथि ने अपने उद्बोधन में राम जन्मभूमि आंदोलन पर विशेष प्रकाश डाला। यज्ञ आचार्य अशोक आर्य ने बताया कि राम जन्मभूमि सहित सभी हिंदू मंदिरों पर इस्लाम का कब्जा होने और देश का इतने वर्षों तक गुलाम रहने का मुख्य कारण हिंदू समाज का एकता को जोड़ने वालीअपनी संस्कृति के निम्नलिखित चारों स्तंभों से दूर हो करके अलग-अलग संप्रदाय में बट जाना है ।पहला स्तंभ चोटी और जनेऊ है जिसका स्थान दाढ़ी और हाथ में कलावा ने ले लिया। दूसरा स्तंभ पंच महायज्ञ (ब्रम्ह यज्ञ, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ, अतिथि यज्ञ तथा बलिवैश्वदेव यज्ञ) है जिसका स्थान मूर्ति पूजा ने ले लिया। तीसरा स्तंभ--ऋग्वेद आदि चार वेद, शिक्षा आदि वेदों के 6 अंग ,न्यायआदि 6 दर्शन-शास्त्र तथा ईश् आदि 11उपनिषदआदि वैदिक ग्रंथ है जिनका स्थान पुराणों ने ले लिया। चौथा स्तंभ गर्भाधान से लेकर अंत्येष्टि तक 16 संस्कार हैं-जिनका स्थान तंत्र आदि ग्रंथों में अलग-अलग प्रचलित पूजा विधियों ने ले लिया। जिसके कारण हमारा पूरा हिंदू समाज अलग-अलग संप्रदायों में बट गया और जिसका लाभ उठाकर पहले मुस्लिम और फिर बाद में ईसाई मिशनरियों का हमारे देश पर शासन हो गया तथा हमारे लाखों मंदिर तोड़कर मस्जिदें बना दी गई। समय-समय पर शंकराचार्य आदि महापुरुषों ने आकर हिंदू समाज को जोड़ने का अथक प्रयास किया और वर्तमान में महर्षि दयानंद द्वारा समाज सुधार के लिए स्थापित आर्य समाज के प्रयास से देश आजाद भी हो गया है । समाज में पुनः उपरोक्त चारों स्तंभों की पुनर्स्थापना भी हो रही है और शीघ्र ही भारत पुनः विश्व गुरु बनने वाला है।
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