अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर जिला मुख्यालय स्थित ओम भवन परिसर में आर्य वीर दल द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के सम्मान में नौ कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया तथा वरिष्ठ शिक्षकों को साहित्य व सम्मान पत्र तथा अंग पर वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधायक तुलसीपुर कैलाश नाथ शुक्ला तथा विधायक सदर पलटू राम मौजूद थे ।
आर्य वीर दल के संयोजक आर्य अशोक तिवारी ने बताया कि आर्य वीर दल देवीपाटन परिमंडल कार्यालय ओम भवन में शिक्षक दिवस के अवसर पर सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए नौ कुंडीय यज्ञ का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा नवनिर्मित "दयानंद वाटिका व सत्संग भवन "का उद्घाटन किया गया । डीएवी इंटर कॉलेज बलरामपुर के प्रवक्ता काशी प्रसाद शर्मा तथा राम गोपाल मिश्र को मुख्य अतिथि तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला तथा विशिष्ट अतिथि बलरामपुर सदर विधायक पलटू राम द्वारा वैदिक साहित्य तथा सम्मान पत्र भेंट करके सम्मानित किया गया । स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय मंगल सिंह आर्य के पौत्र अंशुमान सिंह आर्य को आर्य वीर दल बलरामपुर जिला का संचालक घोषित किया गया। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था बनाई गई । कार्यक्रम स्थल पर 9 महापुरुषों के नाम के बोर्ड लगे हुए 9 हवन कुंड बनवाए गए, जिनके नाम क्रमश: गुरु वशिष्ठ ,महर्षि वाल्मीक ,गुरु संदीपनी ,लाला लाजपत राय ,समर्थ गुरु रामदास, संत तुकाराम ,पंडित गुरुदत्त विद्यार्थी, पंडित गणेश शंकर विद्यार्थी ,आदि शंकराचार्य और पंडित मदन मोहन मालवीय टोली हैं। कार्यक्रम में आर्य वीर दल बलरामपुर के 525 आर्य वीर-वीरांगनाओं की बनी 21 टोलियो के एक -एक प्रतिनिधि को बुलाया गया था। प्रत्येक प्रतिनिधि के सामने उसकी टोली के महापुरुषों के बोर्ड लगाए गए जिनके नाम क्रमशः बजरंगी , श्री राम , श्री कृष्ण , पं.राम प्रसाद बिस्मिल ,राजेंद्र नाथ लहरी ,सुभाष चंद्र बोस , लाल बहादुर शास्त्री , महाराणा प्रताप , सरदार बल्लभ भाई पटेल , पंडित लेख राम , चाणक्य , भगत सिंह ,परशुराम , डॉ आंबेडकर , महर्षि वाल्मीकि , गोलवलकर , लव कुश तथा वीर सावरकर टोली है। अरुण कुमार शुक्ल ने" तेरे दर पर प्रभु जी हम आन पड़ेे "ईश्वर गीत तथा अशोक आर्य ने "लाखों दीवानों ने गर्दन कटवायी थी, सच कहता हूं तब ही आजादी आई थी "देश गीत सुनाया। अतिथियों ने पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जीवन और कार्यों पर विशेष प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद के साथ उपस्थित जनों को महर्षि दयानंद द्वारा लिखित अमर ग्रंथ "सत्यार्थ प्रकाश" तथा अन्य वैदिक साहित्य भेंट किया गया। कार्यक्रम में आत्मानंद ,रमफेरण मिश्रा, हरिकांत मिश्रा, मदन गोपाल, अरुण शुक्ला, मयंक, आर्चित सिंह, रजत कंत मिश्रा, रविकांत मिश्रा, अनन्या त्रिपाठी, कु आरीका सिंह, राजकुमार सिंह, आर्य व्रत, देव व्रत व अखिलेश उपाध्याय सहित कुल इक्कीस यजमान उपस्थित रहे।
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