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70 ग्राम सभाएं , 11ग्राम पंचायत अधिकारी, कैसे रुके भ्रष्टाचार : एसपी सिंह

 


राजकुमार शर्मा

बहराईच:- नेपाल सीमा से सटे ब्लॉक नवाबगंज मे 70 गांव सभाएँ हैं। इनका लेखा जोखा, आय व्यय व इनका निरीक्षण परीक्षण इन्हीं निष्ठावान ग्राम पंचायत अधिकारियों के जिम्मे हैं। खण्ड विकास अधिकारी नवाबगंज से सेटिंग कर ये लोग ग्राम सभाओ का आवंटन करा लेते हैं। और इसी के साथ बहनें लगती हैं  गांवो मे विकास की गंगा। इस सम्बन्ध मे जानकारी देते हुए भारतीय किसान परिषद ब्लॉक केअध्यक्ष शिव पूजन सिंह ने बताया कि ब्लॉक के किसी ग्रामपंचायत अधिकारी के पास 11, किसी के पास 09, किसी के 08, व किसी के 07 ग्राम सभाएं हैं। इसके विपरीत अमर नाथ भास्कर के पास मात्र 02 ग्राम सभाएं हैं। प्रदेश सरकार गांवो मे रोजगार हेतु इन्टर लाकिंग, खड़न्जा निर्माण, तलाब सुन्दरीकरण, पंचायत भवन निर्माण व विद्यालय निर्माण आदि योजनाएं चला रही हैं। परन्तु सारे काम ठेकेदारो के हवाले हैं।  गांवो के लोगों को रोजगार नही मिल रहा हैं।

अनिल पाठक
अनिल पाठक

गांवो मे हो रहे विकास कार्यों के बारे मे ग्राम संकल्पा निवासी अनिल पाठक कहते हैं कि पात्र व गरीब खेतिहर मजदूर को आवास के लिए भटकना पड़ रहा हैं। जब कि गांव के सम्पन्न लोगों को आवास दिये गये।शिकायत करने पर किसी की भी नहीं सुनी गयीं। यही हाल शौचालय का हैं। भारत सरकार ने शौचालयो की योजना चलायी 12 हजार रुपया सरकार की ओर से दिया गया। ब्लॉक मे कुछ शौचालय बने, कुछ नहीं बने कुछ मे छत नहीं कुछ मे दरवाजे नही हैं।यही नही सिर्फ खड़ी तीन दीवारों मे शीट के अभाव मे ग्रामीणो ने फूसे व कन्डे रखें हुए है। अखबारो मे कई इन अध बने शौचालयो की खबरें छप चुकी हैं।
भवानी प्रसाद तिवारी

ब्लॉक के शिव बढैय्या निवासी भवानी प्रसाद तिवारी कहते है कि ग्राम विकास अधिकारी ढूंढने पर नही मिलते। ग्रामवासी अपनी आवश्यकताओं के लिए भटकते रहते है। यही नहीं जिन ग्राम पंचायत अधिकारियों के पास 11, 08, व 06 ग्राम सभाओ का जार्च हैं उन लोगों ने वेतन पर कार्यपूर्ति बनाने व विकास कार्यों को देखने हेतु दो व तीन, तीन मुन्शी नियुक्त कर लिए है। यही लोग सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारी के हस्ताक्षर कर मोहर भी लगा देते हैं। अब ग्रामीण ग्राम विकास अधिकारी को नहीं ढूंढना। संबन्धित मुन्शी को ढूंढता हैं। ब्लॉक के गांव परमपुर व रंजीतबोझा गांव आदि गांवो के लोगों ने प्रदेश सरकार के जन सुनवाई  समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर लोगों ने शिकायत भी की परन्तु घूस लेकर फंस गया हैं, घूस देकर छूट जा वाली कहावत ही सिद्ध हुई।

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