जनपद बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा को खुले मंच से एक अधिवक्ता द्वारा धमकी देने का मामला प्रकाश में आया है । अधिवक्ता मृगेन्द्र उपाध्याय ने एक सार्वजनिक मंच पर खड़े होकर अपने भाषण के जरिए पूरी बलरामपुर पुलिस के साथ-साथ बलरामपुर पुलिस के मुखिया एसपी देव रंजन वर्मा को वर्दी उतरवाने तथा पेंशन के बाद भी देख लेने की धमकी दे डाली है । मृगेंद्र उपाध्याय एक पत्रकार संगठन द्वारा चलाए जा रहे क्रमिक अनशन के मंच पर बोल रहे थे। उन्होंने पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए तथा आपत्तिजनक टिप्पणी पुलिस विभाग पर किया है। मृगेंद्र उपाध्याय की अभद्र टिप्पणी तथा खुले मंच से दी गई धमकी को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने स्वयं वादी बनकर कोतवाली देहात में तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराया है। कोतवाली देहात पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मृगेन्द्र उपाध्याय तथा उनके भाई उपेंद्र उपाध्याय सहित पांच अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया है । इसी बीच खबर आई है कि आरोपी मृगेंद्र उपाध्याय तथा उनके भाई उपेंद्र उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ।
पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा का कहना है जिले भर में कई ऐसे फर्जी पत्रकार घूम रहे हैं जो ना सिर्फ भोली-भाली जनता से धन उगाही कर रहे हैं, बल्कि अधिकारियों के साथ भी समय-समय पर अभद्रता करते देखे जा रहे हैं। ऐसे ही कुछ फर्जी पत्रकारों द्वारा नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक के साथ अभद्रता की गई थी, जिसमें मुकदमा पंजीकृत किया गया है। उसी मामले को लेकर कथित पत्रकारों द्वारा तहसील गेट पर क्रमिक अनशन शुरू किया गया है । उसी मंच से कथित अधिवक्ता मृगेंद्र उपाध्याय ने अपने भाई फर्जी पत्रकार दीपेंद्र उपाध्याय के पक्ष में बोलते हुए पूरे पुलिस विभाग के विरुद्ध अपना आपा खो दिया । उन्होंने बताया कि जिस प्रकार आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया तथा जिस प्रकार पूरे विभाग के विरुद्ध बातें की वह कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती । उन्होंने यह भी बताया कि मृगेंद्र उपाध्याय उनके भाई दीपेंद्र उपाध्याय तथा उनके पिता रामफेर उपाध्याय के विरुद्ध पहले से ही कई मुकदमे पंजीकृत हैं । उन्होंने बताया कि मृगेंद्र उपाध्याय द्वारा 2017 में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता के साथ राजमणि तौर पर मारपीट की गई थी । इतना ही नहीं कुछ महीनों पहले मृगेंद्र उपाध्याय तथा उनके परिजनों द्वारा गांव के ही एक वृद्ध को सरेआम दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था और उस मामले में भी मुकदमा पंजीकृत किया गया है । उन्होंने बताया कि मृगेंद्र उपाध्याय के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में आठ अभियोग पंजीकृत हैं । उनके भाई दीपेंद्र उपाध्याय के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में तीन अभियोग पंजीकृत हैं तथा उनके पिता रामफेर उपाध्याय के नाम विभिन्न धाराओं में दो मुकदमा पंजीकृत है । यह सभी मुकदमें पहले से पंजीकृत किए गए हैं । इससे प्रतीत होता है कि इनका पूरा परिवार अपराधी प्रवृति का है और इनके द्वारा सीधे-साधे लोगों का शोषण किया जा रहा है। 3 अक्टूबर को जिस प्रकार सार्वजनिक मंच से पूरे पुलिस विभाग तथा स्वयं मुझ पर अभद्र टिप्पणी की गई उससे प्रतीत होता है कि ऐसे दबंग तथा अपराधी प्रवृति के लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए । कोतवाली देहात में पंजीकृत मुकदमा में आरोपी मृगेंद्र उपाध्याय तथा उनके भाई दीपेंद्र उपाध्याय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। साथ ही पूरे मामले की विधिक जांच व कार्रवाई की जा रही है । उन्होंने आरोप लगाया कि मृगेंद्र उपाध्याय काफी शातिर दिमाग का व्यक्ति है, और इसने मुझे फंसाने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी । यदि समय रहते कार्यवाही ना की गई होती तो संभवत मृगेंद्र उपाध्याय अपने ऊपर कट्टे से स्वयं फायर कर घायल करके मुझे फसाने का पूरा प्रयास करता । उन्होंने बताया की मृगेंद्र उपाध्याय को गिरफ्तार करनेेकोतवाली देहात पुलिस जब उसके घर पहुंची तो वह घर पर नहीं मिलाा। उसका भाई दीपेंद्र उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसी समय मृगेंद्र उपाध्याय कहीं अन्य जगह लेटा हुआ था जो अपनी गाड़ी से फरार होनेे का प्रयास किया, जिसे पुलिस टीम ने घेर कर पकड़ लिया । उन्होंने बताया कि मृगेंद्र उपाध्याय तथा उसके परिजनों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है । इतना जरूर हैै कि मृगेंद्र उपाध्याय का एक पूरा सक्रिय गैंग है, जिसके जरिए वह भोले भाले लोगोंं को धमकी देकर जमीन कबजाना तथा अधिकारियों को धमकाकर बेजा फायदा लेने का प्रयास किया करता था। अपराधिक इतिहास के आधार पर गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई करने पर पुलिस विचार कर रही हैै । उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जानकारी न्यायालय से लेकर बार काउंसिल तथा शासन प्रशासन को भी भेज दी गई है । यदि ऐसे लोग जो एक सम्मानजनक पेशे से जुड़े हो और वही अपराध करने लगेंगे तो आम जनता न्याय की आस किससे करेगी । उन्होंने कहा की पीड़ित लोग अधिवक्ताओं के पास न्याय की आस लेकर आतेे हैं, यदि इस प्रकार के अधिवक्ता समाज में रहेंगे तो फिर न्याय की आस कैसे की जा सकती है ।
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