हर छह माह बाद दी जाती है एक जोड़ी चप्पल निशुल्क
कुष्ठ से विकलांग मरीजों को दी जाती हैं ये विशेष चप्पल
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। कुष्ठ रोगी भी आम लोगों की तरह ही चप्पल पहनकर चल फिर सकें। इसके लिए उन्हें विशेष तरह की चप्पले दी गई । इन चप्पलों को पहनने या चलने से पैरों में घाव नहीं होता। विभाग ने कुष्ठ रोग से विकलांग लोगों को ये चप्पलें वितरित की हैं ताकि वे आम आदमी की तरह से चप्पल पहनकर चल सकें। इसके साथ ही उन्हें सेल्फ केयर किट भी दी गई, जिससे वे अपनी खुद सुरक्षा कर सकें।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ वी पी पाण्डेय बताते हैं कि कुष्ठ रोग होने पर हाथ व पैर में चकत्ते पड़ जाते हैं। परेशानी अधिक बढ़ने पर पैर सुन्न हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में रोगी के पैरों में घाव हो जाते हैं। रोगी चप्पल या जूता नहीं पहन पाता। जरा सी ठोकर या दबाव होने से घाव बढ़ जाता है। इन दिक्कतों को देखते हुए एक उनके लिए विशेष तरह की चप्पलें बनाई गई हैं। इन चप्पलों में खास तरह की रबड़ लगाई गई है। इसके सोल (तलवे) को ऊपर से बेहद मुलायम व नीचे सख्त रखा गया है। जिससे कांटा या कील चप्पल में गड़कर पैरों में न लगे। ऊपर लगी बेल्ट पैर को आराम देगी व ग्रिप लगी होने से यह पैरों में फिट रहेगी। पानी में भींग जाने के बाद भी चप्पल खराब नहीं होगी। ये चप्पलें उन्हीं रोगियों को दी जा रही हैं, जिनके पैर सुन्न हो जाते हैं। सेल्फ केयर किट में घावों पर लगाने वाले मलहम व अन्य दवाएं होती हैं।
कुष्ठ रोगियों के लिए यह है सुविधाएं
सीएमओ डॉ हरगोविन्द सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण कार्यक्रम के तहत कुष्ठ के संभावित मरीज मिलने पर उन्हें जाँच के लिये द लेप्रोसी मिशन (टीएलएम) नैनी, प्रयागराज (इलाहाबाद) या री कन्सट्रेटिक सर्जरी (आरसीएस) अयोध्या भेजा जाता है। पहली सर्जरी के बाद ही मरीज को 4000 रूपये, फिर एक महीने बाद 2000 रुपये और तीसरे महीने आखिरी में 2000 रूपये दिये जाते हैं, इस प्रकार से कुष्ठ रोगी को8000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसका उद्देश्य सर्जरी के बाद कुष्ठ के रोगियों को सम्मान और सामान्य व्यक्ति के नजरिए से देखा जाये। इसके अलावा कुष्ठ से विकलांग रोगियों को इलाज के बाद विकलांगता संबंधित सुविधाओं साथ सरकार द्वारा 2500 रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जाती है।
कुष्ठ रोग के लक्षण
डॉ वी पी पाण्डेय ने बताया कि कुष्ठ रोग के लक्षणों में शरीर पर हल्के रंग,लाल रंग पूर्ण रूप से सुन्न कोई दाग धब्बा या चकत्ता। कोहनी के पीछे,घुटने के पीछे वाली नस का मोटा होना या इसके साथ दर्द होना। हाथों पैरों की मांसपेशियों में अचानक कमजोरी महसूस होना शामिल है।
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