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Sant kabir nagar दूध का धंधा पड़ा मंदा,लॉक डाउन से होटल, रेस्टोरेंट बंद



दूध बेचने वाले परिवार चलाने भर की नही कर पा रहे हैं कमाई
घरों को छोड़कर अन्यत्र कही नही बिक पा रहा हैं दूध
आलोक कुमार बर्नवाल
सन्तकबीरनगर। कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के बीच दूध का कारोबार करने वाले व्यवसाइयों की परेशानी बढ़ गई हैं। होटल आदि बंद होने की वजह से दूध का धंधा भी मंदा हो गया हैं। ऐसे में दिन भर घूमने के बाद भी वह परिवार चलाने भर की कमाई नही कर पा रहे हैं। प्रदेश में लगे कोरोना कर्फ्यू के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से दूधिया शहर में नही आ पा रहे हैं। क्षेत्र की छोटी छोटी डेरिया भी बंद हो गई इस कारण दूधिया गांव गांव घूम कर तय दाम से आधे दाम में दूध बेच रहे हैं। वेद त्रिपाठी और प्रशांत पांडेय ने बताया कि पहले शहर में मिठाई की दुकान पर दूध दे देते थे लेकिन अब गांव में सस्ती दाम पर बेचने को मजबूर हैं।
मेंहदावल क्षेत्र के ददरा ग्राम निवासी दिलीप यादव बताया की वह पिछले कई वर्षों से दूध बेचने का काम करते हैं रोजाना सुबह पांच बजे आसपास के गांवो में जाकर दूध एकत्रित कर बाइक से मेंहदावल तहसील क्षेत्र से बाहर कई क्षेत्रों में जाकर लोगों के घरों व होटलों में दूध की सप्लाई करते हैं पहले तो सब ठीक चल रहा था लेकिन अब कोरोना कर्फ्यू से नुकसान उठाना पड़ रहा हैं अब दूध सिर्फ घरों में ही बिक पा रहा हैं। जो दूध होटलों आदि जगहों पर बिक रहा था वह सब बंद हैं। दयाराम ने बताया कि गांव के कई लोग दूध का धंधा करते थे लेकिन लॉक डाउन से सभी का धंधा ठप हैं। अधिकतर लोग कस्बों में स्थापित होटलों व मिठाई की दुकानों पर दूध की सप्लाई करते थे लेकिन सभी बंद हैं।अब यही दर सता रहा हैं कि अगर ऐसा ही चला तो सब खत्म हो जाएगा।
मेंहदावल के पड़री गांव निवासी मिंटू त्रिपाठी ने कहा की जीवन का सबसे कठिन दौर हैं, घर पर 10 लीटर दूध पैदा होता हैं जिसे बेचने के लिए उन्हें नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं यही नही उन्हें प्रति लीटर 8-10 रुपए नुकसान झेलना पड़ रहा हैं।
खलीलाबाद क्षेत्र निवासी शिवम सिंह ने बताया की लगे कोरोना कर्फ्यू के वजह से खली चोकर सब महंगा हो गया हैं और दूध की कीमत कम हो गई हैं जानवरो को खिलाने पिलाने में उतने ही खर्च हो रहे हैं अगर कोरोना कर्फ्यू ऐसे बढ़ा तो परिवार के भरण पोषण की दिक्कत हो जाएगी।
मेंहदावल निवासी पंडित ने कहा की लॉकडाउन में खपत कम होने के कारण डेयरी संचालक ने दूध के दाम कम कर दिए हैं लेकिन चारा महंगा हो गया हैं दूध कम रेट पर बेचन मजबूरी हैं। चोकर की बोरी 110 रुपए महंगी हो गई हैं भूसा चुनी के दाम भी बढ़ गए हैं लेकिन दूध के दाम कम हो गए हैं। सरकार को हम लोगों के लिए कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।

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