वासुदेव यादव
अयोध्या। परम् पूज्य सदगुरुदेव महामंडलेश्वर महन्त रामवचनदास महाराज को उनके 15वीं पुण्यतिथि पर अयोध्या के संतो महंतों शिष्यों व गणमान्य नागरिकों नमन कर उनके चित्र पट पर पुष्पांजलि अर्पितकर उनको याद किया।
अयोध्या राम जन्मभूमि परिसर निकट रामकोट स्थित सिद्धपीठ श्री रामकृष्ण मंदिर में महंत रामवचनदास महाराज के परम शिष्य व वर्तमान महंत गणेशानंददास जी महराज ने बताया कि हमारे गुरुदेव भगवान बड़े ही उदार संत एवं भजनानंदी थे। उनके भगवान राम कृष्ण के परम भक्त रहे। धार्मिक ज्ञाता व शास्त्रों में पारंगत रहे। इस मंदिर के निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही। वे भक्तो का कल्याण करते थे व परमार्थ कार्यो हेतु प्रेरित किये।
इस आयोजित कार्यक्रम में दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेशदास, श्रीरामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास महाराज, कथावाचिका शीतल दीदी, शेषनाग मंदिर के महंत अशोकदास, सुग्रीव किला के उत्तराधिकारी पद्मनाभ आचार्य, श्रीरंग वाटिका के महंत हरिसिद्धशरण, मंगल भवन के उत्तराधिकारी महंत रामभूषणदास उर्फ कृपालु जी, रामप्रियाकुंज के महंत भारत प्रसिद्ध कथावाचक डॉ.उद्धवशरण, रामआश्रम के महंत जयरामदास, हनुमानगढ़ी के महंत आनंददास, महंत धर्मदास, नागा महंत जयमंगलदास, दामोदरदास, महंत राधेश्यामदास रामायानी, सरयू कुंज मंदिर के महंत राम मिलनशरण, पार्षद प्रतिनिधि पहलवान घनश्यामदास, प्रियेशदास व सूरजदास आदि संत-महंत शिष्य आदि उपस्थित रहे।
इससे पूर्व सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा वाचिका शीतल दीदी ने सभी का अंग वस्त्र प्रदान कर स्वागत सम्मान किया। कार्यक्रम के अंत में कोरोना गाईड लाइन का पूरी तरह अनुपालन करते हुए भण्डारा भी आयोजित हुवा व सन्तों महंतों व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किए।


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