अयोध्या के राजघराने में योग की पाठशाला चलाने वाले गुरु से मिली प्रेरणा
योग शिक्षक ज्योति भूषण बताते हैं कि जब अयोध्या के राजघराने में योग की शिक्षा दे रहे पंडित वीरेंद्र शास्त्री से उनकी मुलाकात हुई । तो उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ योग कक्षा करने की प्रेरणा दी । कुछ दिनों तक योग की पाठशाला में सीखने सिखाने के साथ-साथ इसे निरंतर जारी रखने के लिए मैं प्रतिदिन घंटों अभ्यास करता रहा ।
योग चिकित्सा और स्वास्थ्य का संवाहन
त्रिपाठी बताते हैं कि योग की परंपरा कुल्लू मनाली में स्थित अंतरराष्ट्रीय मेडिएशन केंद्र के संस्थापक स्वामी श्याम व देश और दुनिया में ख्याति प्राप्त आचार्य बीकेएस आयंगर पर आधारित है । यह परंपरा चिकित्सा और स्वास्थ्य का संवाहन करती है।
देश और दुनिया का सबसे भयानक रोग तनाव और जीवन चर्या का अस्त व्यस्त होना हमारा योग अभ्यास मनुष्य को यहीं से स्वस्थ लाभ देना शुरू करता है । साधक को योग के पहले दिन की कक्षा समापन होते ही उसका तनाव भरा शरीर प्रसन्नता से ओतप्रोत हो जाता है । बहुत सारी बीमारियां जैसे अनिद्रा, तनाव,अवसाद,मानसिक रोग कब दूर हो जाते हैं व्यक्ति को पता नहीं चलता उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मोटापा,शुगर, थायराइड,पीठ दर्द,फैटी लीवर, साइनस, हार्ट डिसीज,नपुंसकता जैसे रोगों पर योग के बहुत अच्छे परिणाम आए हैं । क्षेत्र के हजारों लोगों को योग कराकर निरोग बनाया है ।
इनके गांव के बच्चे से लेकर बूढ़े तक करते हैं योगा
समाज को स्वस्थ एवं तनाव मुक्त बनाने का सपना अपने मन में सजोए योग शिक्षक बताते हैं । कि शुरुआती दौर में उन्होंने योग के प्रति अपने गांव के लोगों को जागरूक करने का काम शुरू किया । पहले तो लोग इस से कतराते थे । लेकिन जब योग के महत्व को नज़दीकियों से समझा तो अधिकांश लोग इसका हिस्सा बनने लगे । वर्तमान समय में गांव के बच्चे से लेकर बूढ़े तक योग के तमाम आसन को बड़ी ही कुशलता के साथ करते हैं । त्रिपाठी बताते हैं कि
राजकीय कामकाज के बाद समय मिलने पर अपने घर पर निशुल्क योग की कक्षाएं चलाते हैं । जिसमें गांव सहित आसपास के क्षेत्रों के लोग इनसे योग सीखने आते हैं । देशभर में चल रहे कोरोना संक्रमण के कारण उनकी मुहिम की गति थोड़ा धीमी जरूर पड़ी है । फिर भी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आज भी लोगों को इस विधा में पारंगत करने की कोशिश कर रहे हैं । अब तक क्षेत्र के हजारों लोग इनसे योग विद्या की सीख ले कर इसका लाभ उठा रहे हैं ।
तो इसलिए मनाया जाता 21 जून को योग दिवस
देश ही नहीं पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इसलिए मनाया जाता है । कि दिन सूर्य की किरणें सबसे अधिक समय तक पृथ्वी पर रहती हैं । इसका तात्पर्य मनुष्यों की दीर्घायु से भी है ।





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