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प्रतापगढ़:चाइल्डलाइन के हस्तक्षेप से प्रवासियों को मिली बकाया मजदूरी


श्रम प्रवर्तन अधिकारी महेन्द्र सिंह की भूमिका सराहनीय- निदेशक चाइल्डलाइन

प्रतापगढ़ ! 02 दिन से प्रतापगढ़ कोतवाली में अपना बकाया मजदूरी के लिए  धरना दे रहे छत्तीसगढ़ के 33 ईँट भठ्ठा मजदूरों को चाइल्डलाइन के हस्तक्षेप से बकाया मजदूरी मिली. 

उल्लेखनीय है कि मान्धाता थाना अंतर्गत देल्हूपुर क्षेत्र के एक ईँट भठ्ठा पर छतीसगढ़ के करीब 40 मजदूरों को बकाया मजदूरी न देने पर कोतवाली परिसर में धरना देने की खबर कुछ न्यूज ग्रुप में प्रमुखता से पोस्ट की गई जिसमें बच्चों को भूख से तड़पने की भी बात कही गयी थी. जिसका तत्काल सज्ञान लेते हुए चाइल्डलाइन प्रतापगढ़ की टीम ने गत रविवार को रात 10 बजे घटना स्थल पर पहुंची और मजदूरों से बात की. 


    मोहन कुर्रे, दिनेश पटेल व राकेश पटेल सहित कई मजदूरों ने बताया कि बरसात के कारण ईँट भठ्ठा का काम बंद होने के से मालिक खाने का पैसा भी नहीं दे रहे थे जिससे हम सब के सामने भुखमरी की नौबत आ गयी थी. जब हम लोगों ने घर जाने के लिए बकाया मजदूरी व किराया माँगा तो बिना बकाया मजदूरी दिए हम लोगों को अपशब्द कहते हुए भठ्ठे से भगा दिया गया. जब हम लोग पुलिस के पास आये तो पुलिस ने भी हमारी बात नहीं सुनी. इस समय हम लोगों के पास न तो खाने के पैसे हैं और न ही घर जाने का किराया है. हमारे बच्चे भी भूंखे हैं. इतना सुनते ही चाइल्डलाइन टीम ने 11 बजे रात को भूंख से तड़प रहे बच्चों को बिस्कुट व अन्य उपलब्ध खाने की सामग्री की भी व्यवस्था की और पुलिस और श्रम विभाग के जिले व राज्य स्तर के अधिकारियों को घटना की वास्तविकता से अवगत कराया.

     रात करीब सवा 11 बजे प्रतापगढ़ के श्रम प्रवर्तन अधिकारी महेन्द्र प्रताप सिंह ने चाइल्डलाइन को फोन करके बताया कि ईँट भठ्ठे के मालिक से बात हो गयी है. भठ्ठा मालिक ने अपने खिलाफ प्रतिद्वंदी द्वारा साजिश रचने की बात कहते हुए बताया कि मैंने मजदूरी का पूरा पैसा ठेकेदार को दे दिया है जिनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के ये मजदूर आये थे. अब मैं दुबारा मजदूरी का भुगतान कैसे कर पाउँगा ? चाइल्डलाइन टीम ने कोविड के समय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हालिया पत्र का हवाला दिया और कहा कि मजदूरों ने जहाँ काम किया है उनकी मजदूरी के भुगतान की जिम्मेदारी नियोक्ता की होती है, किसी बिचौलिये ठेकेदार की नहीं. मामले की गम्भीरता को भांपते हुए श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने फिर भठ्ठा मालिक से बात की और और रजिस्टर व बकाया मजदूरी का पैसा सहित सुबह आने का निर्देश दिया. 

    अगले दिन देर शाम तक काफी जद्दो-जेहाद के बाद चाइल्डलाइन और जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी के निर्देश पर भठ्ठा मालिक को मजदूरों की बात अंततः माननी पड़ी और मजदूरों का बकाया और वापसी का किराया का नकद भुगतान करना पड़ा, और एक लिखित समझौते के बाद तहसील परिसर प्रतापगढ़ से सभी  मजदूर ख़ुशी ख़ुशी अपने घर बिलासपुर-छत्तीसगढ़ वापस चले गए. वार्ता के दौरान चाइल्डलाइन सहित श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने भी इन मजदूरों के बच्चों को बिस्कुट व अन्य खाद्य सामग्री भी वितरित की.  इस मामले को सुलझाने में चाइल्डलाइन-1098 के निदेशक नसीम अंसारी व श्रम प्रवर्तन अधिकारी महेंद्र कुमार सिंह सहित श्रम विभाग के सचिन कुमार, चाइल्ड लाइन समन्वयक शुभा पाण्डेय, अभय यादव, हुश्नारा बानो व सौरभ कुमार की भूमिका काफी सराहनीय रही.

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