बढते जलस्तर से तटवर्ती ग्रामीणों में दहशत
सुनील उपाध्याय
बस्ती।घाघरा नदी का जलस्तर एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। इससे नदी और तटबंध के बीच बसे गांवों मे बाढ़ का खतरा मडराने लगा है। वहीं तटबंधों पर नदी का दबाव भी तेजी से बढ़ गया है। केंद्रीय जल आयोग अयोध्या के अनुसार शुक्रवार की सुबह 11बजे 92.790 मीटर पर रिकार्ड किया गया, जो की खतरे के निशान 60 सेंटीमीटर ऊपर नदी बह रही है।
जल आयोग के अनुसार घाघरा नदी की खतरे की निशान 92.730 बताया गया जब कि आज दोपहर को नदी का जल स्तर 92.790 हो गया है जो खतरे की निशान से ऊपर बह रही है।कटरिया चांदपुर तटबंध ठोकर नम्बर एक पर नदी का तेज दबाव बना हुआ है।
इस पर पानी का दबाव बढ़ गया है। गौरा- सैफाबाद तटबंध पर बुधवार को बैठे हुए तटबंध के हिस्से पर बोल्डर पिचिंग के स्थान पर बाढ़ खंड मजदूरो के सहारे ब़ोरियों में मिट्टी भर कर डलवा रहा है। उसके अगल बगल बोल्डर पिचिंग फिर बैठ रहा है।टकटकवा गांव के किनारे बनी सड़क को कटान करती हुई नदी इसे अपने आगोश मे मिला रही है। सुविखाबाबू गांव बाढ़ के पानी से एक बार फिर घिरने लगा है। वहां के ग्रामीणों की दिनचर्या एक बार फिर नाव के सहारे शुरू हो गई है। विशुनदापुर की अनुसूचित बस्ती, आशिंक टेढवा व खजांचीपुर का एक पुरवा, अशोकपुर ग्राम पंचायत के कुछ मजरे के तरफ पानी धीरे धीरे बढ़ने लगा है।
वही रामजानकी मार्ग और तटबंध के बीच स्थित गांव में रहने वाले पशुपालकों को चारा लाने के लिए नांव से नदी के उस पार जाना पड़ रहा है। दूसरी बार सरयू में उफान आने से चारे का संकट बढ़ गया है। कटरिया चांदपुर तटबंध के अवर अभियंता संजय यादव ने बताया कि जलस्तर बढ़ रहा है। तटबंध पर स्थिति नियत्रंण में है। खतरे की कोई बात नहीं है।
बता दें कि शुक्रवार को नदी का जलस्तर बढ़ते देख टकटकवा गांव के ग्रामीण अपना सामान समेट कर अन्यत्र जाने की तैयारी में जुट गए हैं बढ़ते जलस्तर से गांव में भय का माहौल व्याप्त है जिसकी सुध लेने के लिए ना तो शासन और ना ही प्रशासन से कोई मदद मिल पा रही है
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