आर के गिरी
गोंडा। जिले के उर्वरक विक्रेताओं के यहां एक साथ छापेमारी कराई गई। कुल 32 दुकानों पर छापेमारी हुई, 18 नमूने लिए गए। तीन उर्वरक विक्रेताओं को नोटिस देकर स्पस्टीकरण तलब किया गया है।
गुरुवार की देर शाम तक उर्वरक विक्रेताओं के यहां की गई ताबड़तोड़ छापेमारी से उर्वरक विक्रेता दहशत में आ गए हैं।
जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने जिले की चारों तहसीलों में अलग-अलग टीमों को बनाकर थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के यहां एक साथ छापेमारी कराई और पीओएस मशीन के स्टाक के साथ मौके पर मौजूद स्टॉक का भौतिक सत्यापन व रेट, स्टाक बोर्ड का भी निरीक्षण कराया।
इसके लिए करनैलगंज व तरबगंज तहसील क्षेत्र में जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव एवं गोंडा सदर में उप कृषि निदेशक शैलेन्द्र कुमार शाही एवं मनकापुर तहसील में उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी शिवशंकर चौधरी की टीम द्वारा छापेमारी कराई गई।
जिसमें उर्वरक की दुकानों पर पीओएस मशीन पर दर्ज स्टॉक का दुकान एवं गोदाम से भौतिक सत्यापन के साथ ही प्रत्येक दुकान पर रेट व स्टाक बोर्ड का निरीक्षण कराया गया एवं थोक विक्रेताओं के गोदाम का निरीक्षण करके कंपनियों के बफर गोदाम का निरीक्षण किया गया।
इस छापेमारी में जिले के लगभग सभी उर्वरक विक्रेताओं के यहां औचक निरीक्षण हुआ। उप कृषि निदेशक द्वारा 7 दुकानों पर छापेमारी व 7 नमूने, डीईओ द्वारा 20 दुकानों पर छापेमारी व 9 नमूने, मनकापुर में 5 दुकानों पर छापेमारी 2 नमूना लिया गया।
इस कार्रवाई से उर्वरक के व्यापारी पशोपेश में आ गए हैं। लगातार हो रही छापेमारी से उर्वरक विक्रेताओं में दहशत व्याप्त है। जिला कृषि अधिकारी जेपी यादव ने बताया किसी भी दुकान पर बिना पीओएस मशीन के उर्वरक की बिक्री नहीं होगी या बिना मशीन के बिक्री करते हुए पाए जाने तथा दुकान पर रेट व स्टाक बोर्ड न होने की दशा में उर्वरक व्यापारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा यदि निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री पाई जाती है तो संबंधित व्यापारी के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा।
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