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तिरंगे पर जो आंच आये तो फिर अपमान सबका है....

लालगंज के हन्दौर में आयोजित कवि सम्मेलन में उमड़े श्रोता

एस के शुक्ला

प्रतापगढ़ । सर्द की गुलाबी  रात में प्रदेश के विभिन्न विधाओं के कवियों का जमावड़ा जिले के लालगंज तहसील क्षेत्र के हन्डौर में शनिवार की रात को रहा। 


जिसमें विभिन्न विधाओ के कवियों और शायरों  ने अपनी बेहतरीन गीत और गजलों से ऐसी महफिल सजाई कि देर रात तक  श्रोता मंत्रमुग्ध होकर कवियों और शायरों का हौसला अफजाई करते हुए लोटपोट होते रहे ।


मौका था सावित्री शैक्षणिक एवं समाज कल्याण समिति के तत्वाधान में 20वाँ  राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के आयोजन का  । 


कवि सम्मेलन का आगाज डॉ भास्कर द्विवेदी की वाणी वंदना से हुई, उसके बाद राष्ट्रीय कवियत्री ज्योति त्रिपाठी ने जब अपनी की रचना 'बुलंदी पर रहे भारत यही अरमान सब का है , तिरंगे पर जो आंच  आये तो फिर अपमान सबका है ''जब पढा तो पंडाल में बैठे श्रोताओं ने खुलकर तालियां बजाई जौनपुर से पधारी कवियत्री  योगिनी काजोल पाठक की  आध्यात्मिक रचना 'जब से श्याम को देखी हूं मूरत  के रसपान करती हूं को  लोगों ने  सराहा , पीलीभीत से पधारे वैभव अवस्थी ने जब अपनी रचना 'मैंने केवल लेख लिखे हैं, नभ के चांद सितारों पर, मैं गरजून्गा  कविताई  में, दिल्ली की मीनारों पर 'से लोगों में जोश भरा । 


सुल्तानपुर के अभिमन्यु  शुक्ल तरंग  ने निवर्तमान सुखद परिवार की रूप रेखा का वर्णन किया  जिस घर नारी सुखी वह घर खुशियों का सागर है, जहां समर्पण समरसता है वह परिवार सुसागर है  से लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।कवि सम्मेलन में पंकज मिश्र ,शिवानंद चौबे इमरान वफा, राधेश पांडे ,मजीद रहबर ,डॉ गोविंद नारायण शांडिल्य, हरिवंश शुक्ल शौर्य ने भी काव्य पाठ किया।


संचालन बिहारी लाल अंबर अध्यक्षता विदेहानंद  महाराज ने किया विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी संजय शुक्ल,देवी प्रसाद मिश्र,प्रफुल्ल पांडेय,मनोज सिंह राजेश मिश्र,अजय क्रांतिकारी आदि ने अपने विचार रखे।स्वागत रमेश पांडे ने तथा आभार कार्यक्रम के संयोजक अनूप त्रिपाठी ने किया।


इस मौके पर सदाशिव तिवारी , अरविंद त्रिपाठी ,नीरज त्रिपाठी ,राजेश दुबे  सोनू तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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