बी पी त्रिपाठी/प्रदीप शुक्ला
मनकापुर गोण्डा:सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़े की लहर अभी थमी नही की एक और मामला मनकापुर के ग्राम सभा दतौली में आवास वितरण को ले कर की गयी मनमानी का प्रकरण सामने आया है।
ग्राम सभा दतौली के निवासी अरुण कुमार शुक्ला ने मुख्यमन्त्री सहित जिले के आला अधिकारियों को शिकायती पत्र दे कर आरोप लगाया है की वित्तीय वर्ष में ग्राम प्रधान द्वारा आवास वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली की गयी है।
प्रधान मंत्री ग्राम्य विकास योजना के अंतर्गत ग्राम सभा में 12 आवास स्वीकृत हुए थे,
जिन लोगों को ग्राम प्रधान द्वारा आवास का वितरण के लिए चयनित किया गया उनमे से अधिकतर लोगों के पक्के मकान पहले से बने होने के साथ मानक से अधिक खेती बाड़ी, मोटर साइकिल जैसे संसाधन मौजूद हैं।
ऐसे लोगों को आवास प्रदान किये जाने का विरोध करते हुए अरुण शुक्ला ने जांच कर कार्यवाही की मांग की थी,
किन्तु जांच कर्ता ने प्रधान पति जो की पेशे से नामी वकील हैं उनके दबाव में आ कर शिकायत कर्त्ता के आरोप को ही झूठा ठहराते हुए अपात्रों को आवास पाये जाने योग्य साबित कर दिया,
जबकि जांच कर्ता स्वयं देखा की पूर्व से बने पक्के भवन का आकार बड़ा करने के लिए उसी के बगल आवास का निर्माण कराया जा रहा है।
कुछ ऐसे लोग भी है जिनके घर रंग रोगन से सजे हुए हैं उन्हें भी आवास प्रदान किया है, जो मौके पर पुराने पक्के घर के इर्द गिर्द की निर्माण कराते पाये गए, बताते चले की शिकायत कर्ता अरुण कुमार ने अपने शिकायती पत्र में उल्लेख किया है की ग्राम प्रधान मंजू पाठक के पति चन्द्र किशोर पाठक तहसील के नामी और दबंग वकील हैं, जो अधिकारियों को अपने प्रभाव में कर मन मुताबिक रिपोर्ट लगवाने में सक्षम हैं, इसलिय दबाव में आ कर जांच कर्ता द्वारा अपात्रों को पात्र साबित कर शिकायत को झूठा ठहरा दिया है।
जाहिर सी बात है की अगर अधिवक्ता कोई धांधली करेगा तो अपने बचाव के दावपेंच पहले से तैयार रखेगा ही, ऐसे में सवाल यह उठता है की शिकायत कर्ता झूठी शिकायत करेगा क्यों और यदि उसने झूठी शिकायत की है तो उस कार्यवाही क्यों नही तय हुयी, फिलहाल तो यह साबित होता है की आवास वितरण में ग्राम प्रधान द्वारा धांधली की गयी है जिसकी शिकायत किये जाने पर कार्यवाही और रिकवरी के बजाय अधिकारी झूठी रिपोर्ट लगा कर ग्राम प्रधान और उनके अधिवक्ता पति का स्पोर्ट कर रहे हैं।
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