राकेश श्रीवास्तव
मनकापुर( गोंडा) जनपद के सुप्रसिद्ध रचनाकार डॉ सतीश आर्य रविवार को लखनऊ स्थित हिंदी संस्थान के सभागार में साहित्य भूषण सम्मान से अलंकृत किए गए ।
जैसे ही यह खबर मनकापुर पहुंची उनके मित्रों, परिजनों और साहित्य प्रेमियों में खुशी की लहर फैल गई।
बताते चलें कि वर्ष 2020 के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा डॉक्टर सतीश आर्य को साहित्य भूषण सम्मान से नवाजे जाने की घोषणा की गई थी।
रविवार को लखनऊ स्थित हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में डॉक्टर सतीश आर्य को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित , संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सदानंद प्रसाद गुप्ता, निदेशक आईएएस पवन कुमार ने साल, मानपत्र व ₹200000 के पुरस्कार से नवाजा गया ।
वैसे तो डॉक्टर सतीश आर्य को अब तक देश के तमाम साहित्यिक मंच पर अनेकों बार नवाजा जा चुका है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की हिंदी संस्थान द्वारा पहली बार साहित्य भूषण सम्मान से नवाजे गए हैं ।
इससे मनकापुर इलाके में उनके परिजनों, साहित्य प्रेमी मित्रों में खुशी की लहर फैल गई है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।डा सतीश आर्य
मनकापुर के भिटौरा गांव मे गरीब परिवार में जन्मे डॉक्टर सतीश आर्य ने B.Ed करने के साथ कई विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य किया है। आईटीआई लिमिटेड मनकापुर के संचार विहार में स्थित डीएवी इंटर कॉलेज में उन्होंने बतौर प्राध्यापक अपनी सेवाएं दे चुके हैं ।
परिचय : डॉ सतीश आर्य मूल रूप से ग्राम भिटौरा, मनकापुर ,जिला गोंडा (उत्तर प्रदेश के निवासी है। 3 अक्टूबर 1955ई॰ में इनका जन्म हुआ
शिक्षा: एम॰ए॰बी॰एड॰( हिंदी साहित्य )श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोंडा (अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद) उत्तर प्रदेश
मानद उपाधि: विक्रमशिला विद्यापीठ भागलपुर (बिहार) द्वारा विद्यावाचस्पति एवं विद्यासागर ।
संप्रति :सेवानिवृत्त हिंदी अध्यापक डी॰ए॰वी॰ इंटर कॉलेज, संचार विहार, आईटीआई लिमिटेड, मनकापुर, गोंडा (उत्तर प्रदेश)
विशेष/ सम्मान -पुरस्कार: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा एवं उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डॉ सूर्य कुमार शुक्ला द्वारा 'वागीश्वरी सम्मान' से अलंकृत| हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा 'विद्यावागीश', गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा 'अमृत कलश' उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ऋषिकेश चतुर्वेदी, ब्रजभाषा सम्मान, बंशीधर शुक्ल अवधी सम्मान, साहित्य सरोवर संस्थान कर्नाटक द्वारा 'साहित्य गौरव', साहित्य संस्था देवघर, झारखंड द्वारा 'रवींद्रनाथ टैगोर राष्ट्रीय शिखर सम्मान', ज्ञानपीठ साहित्य के निदेशक डॉ प्रभाकर श्रोत्रिय, दूरदर्शन के महानिदेशक तथा ज्ञानपीठ साहित्य के निदेशक लीलाधर मंडलोई द्वारा तथा डॉ (आचार्य) विश्वनाथ त्रिपाठी, डॉ कैलाश बाजपेई, श्रीमती मृदुला गर्ग, भाषा संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल चतुर्वेदी, हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सदानंद प्रसाद गुप्ता, मानस संगम कानपुर के संयोजक पंडित बद्रीनारायण तिवारी एवं देश के अन्य अनेक मनीषियों एवं साहित्यकारों द्वारा विभिन्न पुरस्कारों एवं सम्मानों तथा मानद उपाधियों से अलंकृत|
नेपाल देश द्वारा 'अवधी साहित्य भूषण' तथा कवि की रचना धर्मिता पर डॉक्टर शुभा श्रीवास्तव को ग्वालियर विश्वविद्यालय से,डॉक्टर निधि कश्यप को कानपुर विश्वविद्यालय से ,डॉक्टर जटाशंकर वर्मा को अवध विश्वविद्यालय से पी॰एच॰डी की उपाधि ।
अवध विश्वविद्यालय के बी॰ए॰ तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम 'आधुनिक अवधी काव्य' में कवि का अवधी गीत 'महुआ चुवै सारीरात ,एन॰सी॰ई॰आर॰टी के पाठ्यक्रम कक्षा छः में 'बेटी' गीत सम्मिलित किया गया है ।
आकाशवाणी के कई केंद्रों ,दूरदर्शन तथा देश के अनेक भागों में अखिल भारतीय कविसम्मेलनों में काव्य पाठ'धर्मयुग', 'साप्ताहिक हिंदुस्तान', 'कादंबिनी', 'नवनीत', 'आजकल', 'गगनांचल', हंस, मनोरमा, आदि अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं सम्मान पूर्वक प्रकाशित की जा चुकी हैं ।
फरवरी 2021 को प्रयागराज में हिन्दुस्तानी साहित्य की त्रैमासिक पत्रिका गुफ़्तगू के एक साहित्यिक समारोह में सभापति पद से सुशोभित भी किए गए हैं।
10 मार्च 2021 को सूरत विश्वविद्यालय एवं लखनऊ विश्वविद्यालय के संयुक्त भाखा महोत्सव में पुनः वंशीधरशुक्ल सम्मान से सम्मानित. किए गए ।
प्रकाशित कृतियाँ - 'महुआ वृक्ष तले' गीतसंग्रह 1986, 'दोऊ आँखिन की पुतरी भई हिन्दी' ब्रजभाषा के छंद 2004,उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 'हृषीकेश ब्रजभाषा पुरस्कार' से पुरस्कृत. 'छंद की छाँव' छंद संग्रह खड़ीबोली में 2007, 'महुआरी' अवधी गीत संग्रह 2018 उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 'वंशीधर शुक्ल पुरस्कार' से पुरस्कृत किए जा चुके हैं।
साहित्य भूषण सम्मान मिलने से रविवार को मनकापुर इलाके में खुशी की लहर फैल गई है ।
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