सलमानअसलम
उत्तर प्रदेश में खाकी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वही लगातार सामने आ रहे मामलों के चलते उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि भी धूमिल हो रही है।
हाथरस कांड के बाद सवालों के घेरे में आई यूपी पुलिस गोरखपुर मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में सुर्खियों में छाई रही। इसके बाद कासगंज में पुलिस कस्टडी में हुई मौत मामले में भी यूपी पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी।
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बहराइच का है। जहां पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक बहराइच को एक पत्र भेजते हुए दरोगा व सिपाहियों पर अवैध तरीके से वसूली करने को लेकर एफ.आई.आर. दर्ज करने व प्रभावी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
पीड़ित टेंडवा महंत निवासी हसीब ने एक शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि उसने अपने वाहन यूपी 32 ई एन 7320 जोकि टैक्सी नंबर है और उसे वह चलाता है।
जो उसके बेटे के नाम पंजीकृत है। मंगलवार सुबह उसने अपने वाहन को रोडवेज के पास स्थित पेट्रोल पंप के समीप खड़ा कर दिया था और चाय पीने चला गया था।
पीड़ित का आरोप है जब चाय पीकर वापस आया तो चौकी रोडवेज इंचार्ज दुर्गविजय सिंह अपने दो सिपाहियों के साथ उसके वाहन का वीडियो बना रहे थे।
पीड़ित कहना कि जब उसने कारण पूछा तो पुलिसकर्मियों ने बताया कि उसने गलत तरीके से गाड़ी खड़ी की है और उसका वाहन पंजीकृत नहीं।
इसके बाद उसके वाहन की पुलिसकर्मियों ने तलाशी ली और कुछ अवैध सामान बरामद नहीं हुआ तो विपक्षी पुलिसकर्मियों ने उसे पैसों की मांग की और कहा कि अवैध रूप से वाहन की बुकिंग कर उसे चलाते हो।
शिकायतकर्ता का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उसके साथ न सिर्फ अभद्रता की बल्कि उसकी जमकर पिटाई भी की। जिसके बाद उसने अपनी पहचान के व्यक्ति से पैसे मंगवा कर किसी तरह पुलिस कर्मियों को दिया। पीड़ित का कहना कि पैसा न देने के कारण उसे पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ गालियां दी बल्कि थप्पड़ भी जड़े और वाहन का चालान कर दिया।
यही नहीं पीड़ित ने एसपी को भेजे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने उसे फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल में बंद करने की धमकी दी है।
इस मामले में पीड़ित ने मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश शाशन व पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र भेज कर कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
साथ ही पीड़ित का कहना है कि यदि उसकी फरियाद नहीं सुनी गई तो वह मुख्यमंत्री योगी के जनता दरबार मे मुख्यमंत्री से दरोगा के खिलाफ कार्यवाही की लगाएगा गुहार।
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