सपा, कांग्रेस और भाजपा के सर ही वोटरों ने बांधा ताज
बसपा नेता राजिक उस्मानी अपने वाहन चालक के लिए मांग रहे वोट
ए. आर. उस्मानी
गोण्डा। प्रदेश में भले ही बसपा ने सरकार बनाने का रिकॉर्ड कायम किया हो, लेकिन मनकापुर सुरक्षित विधानसभा की सियासी सरजमीं पर यह तथ्य मिथक तोड रहा है।
आजादी के बाद से अब तक हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम कम से कम यही गवाही दे रहे हैं। यहां की जनता ने बसपा की नीतियों को या तो समझा नहीं या फिर समझने की कोशिश नहीं की, अथवा नापसंद किया। यही वजह है कि हर चुनाव में मतदाताओं ने बीएसपी उम्मीदवार को सिरे से खारिज कर दिया।
ऐसे तमाम सवाल मनकापुर सुरक्षित सीट के वोटरों के लिए अबूझ पहेली बने हुए हैं।
दशकों से हो रहे विधान सभा चुनावों में बसपा प्रत्याशियों को धूल चटाने वाली जनता आगामी 2022 के इलेक्शन को लेकर भी चुप्पी साधे हुए है।
इस सीट पर पिछला चुनाव पूर्व विधायक रमेश कुमार गौतम ने लड़ा था लेकिन तमाम रस्साकशी और जद्दोजहद के बाद भी कामयाब नहीं हो सके थे। सूबे के कैबिनेट मंत्री व भाजपा के दिग्गज दलित नेता रमापति शास्त्री ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी।
इस बार रमेश गौतम समाजवादी पार्टी में हैं। ऐसे में आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा नेता राजिक उस्मानी अपने वाहन चालक श्याम नारायण कोरी के लिए टिकट मांग रहे हैं। वह इन दिनों क्षेत्र में जी-जान से जुटे हुए हैं।
मनकापुर सुरक्षित के साथ ही श्याम नरायन कोरी की होर्डिंग गोण्डा सदर व गौरा विधानसभा क्षेत्र के भी कई इलाकों में देखे जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि क्षेत्र की जानकारी न होने के कारण ऐसी दिक्कतें आ रही हैं, जिसके चलते मनकापुर के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी बसपा के संभावित प्रत्याशी की होर्डिंग लगाई जा रही है। इससे जनता में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
1952 से लेकर अब तक के विधान सभा चुनावों के परिणामों पर नजर डाली जाए तो नतीजों के रूझान के पीछे मनकापुर राजघराने की सरपरस्ती झलकती मिलती है, जिसके झण्डाबरदार इस बार भाजपा के रमापति शास्त्री हैं।
इन्होंने भी डिक्सिर (अब तरबगंज) क्षेत्र से कई बार चुनाव मैदान फतह करके रिकॉर्ड बार प्रतिनिधित्व का गौरव हासिल कर चुके हैं। हालांकि इस बार मनकापुर सीट पर प्रत्याशी को लेकर भाजपा की भी तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है।
क्षेत्र के मौजूदा विधायक व सूबे के कैबिनेट समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री के साथ ही बलरामपुर सदर विधायक व राज्यमंत्री पल्टूराम, डॉ. अनिल, जिला पंचायत सदस्य प्रमोद आर्य चंचल भी दावेदारी पेश कर क्षेत्र में सक्रिय हैं।
ऐसे अन्य प्रमुख राजनैतिक दलों में यहां से सपा से रामविशुन आजाद भी अपनी साख कायम रखने के लिए पूरी तल्लीनता से जुटे हुए हैं, लेकिन उनकी राह आसान नहीं दिखाई दे रही है क्योंकि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से लगातार मुलाकातों के बाद विजय पासवान की क्षेत्र में सक्रियता अलग ही इशारा कर रही है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ