वेद व्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ में सई नदी के किनारे 11 साल पहले लगा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह खराब हो गया है।
जिससे पूरे शहर की गंदगी सीधे यहां की सई नदी में जाकर मिल रही है। जिससे उसका निर्मल पानी जहर बनता जा रहा है।
सीवर प्लांट में लगे सारे उपकरणों को जंग लग गई है। कुछ चोर उठा ले गए। जल निगम की लापरवाही और घपलेबाजी के चलते इस योजना का लाभ शहरियों को अभी तक नहीं मिल सका।
2018 में जिले में सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे में तब ये बात उठी। तो सीएम ने मामले में ठेकेदार व जल निगम के जेई पर FIR दर्ज कर जेल भेजने का आदेश दिया था।
सपा सांसद ने बनवाया था प्लांट
जिले में सपा के पूर्व सांसद अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी के प्रयास से साल 2004 में शहरियों को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की सौगात मिली थी।
सई नदी के किनारे सबसे पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाना था। कुछ रुकावटों के बाद साढ़े आठ करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना शुरू हुआ। साल 2010 में ट्रीटमेंट प्लांट बनकर तैयार हो गया।
अब बन चुका है नशेड़ियों का अड्डा
प्लांट बनने के कई सालों बाद शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हुआ जो खत्म ही नहीं हुआ। शहर के नालों से इस प्लांट को जोड़ा नहीं जा सका।
एसटीपी से सीवरेज पाइप लाइन को नहीं जोड़ा गया। इससे सीवरेज प्लांट नहीं चल सका। धीरे-धीरे करके करीब आठ साल में प्लांट के उपकरण खराब हो गए।
शहर के दहिलामऊ उत्तरी वार्ड, पुलिस लाइन के बगल, सदर बाजार व रामलीला मैदान से होकर गुजरे नाले से गंदा पानी सई नदी में गिरता है। इससे सदी भी प्रदूषित हो गई है।
जल निगम की लापरवाही व घपलेबाजी से अभी तक ट्रीटमेंट प्लांट का ट्रायल तक नहीं शुरू हो सका। अब यहां नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है।
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