इस दौरान कथा में आया जन सैलाब फूलो के रंग में रंग गया।
इससे पहले श्रधेय पण्डित अतुल जी शास्त्री ने कृष्ण सुदामा मिलन की कथा सुनाई भगवान ने सुदामा के दो मूठ तांदूळ खाकर उनको दो लोको का स्वामी बना दिया तीसरा खाने जा रहे ही थे कि रूखमणी ने कृष्ण का हाथ पकड़कर कहा हम लोग किस लोक में रहेंगे ।
इसके बाद परीक्षित मोझ भगवान का साकेत धाम जाना भगवान को भील बनकर अर्जुन का घमण्ड तोड़ना आदि कथा कहि गयी पूरे सप्ताह नगर वासी भक्ति रस में डूबे रहे अंतिम दिन कथा में इतना जन सैलाब उमड़ पड़ा कि पंडाल खचाखच भरने के बाद भी सैकड़ों लोग खड़े होकर कथा श्रवण करने पर मजबूर हुए।
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