कमलेश जयसवाल
खमरिया खीरी :कोरोना काल में जब पैरासिटामॉल की एक एक गोली के लिए लोग तरस रहे थे। तब इलाके के सरकारी अस्पतालों में आई कीमती दवाइयां एक्सपायर हो रही थीं।
मोटे कमीशन के लालच में डॉक्टर मरीजों को अस्पताल से दवाइयां न देकर बाहर की दवाएं लिखते रहे।
सरकारी आपूर्ति के लिए आई दवाइयां हाइवे के किनारे नदी के पास फेंक दी गईं।
सोमवार की सुबह ईसानगर क्षेत्र के नेशनल हाइवे 730 पर बने शारदा पुल के पास दवाइयों का ढेर लगा था। देखने पर मालूम हुआ कि सारी दवाइयां सरकारी आपूर्ति की हैं।
जिन पर सरकारी आपूर्ति की मुहर भी लगी है। जिम्मेदार लोगों ने दवाएं मरीजों में वितरित न कर एक्सपायर कर डाला।
लोगों में दवाइयां को लेकर आशंका जताई जा रही है कि एक्सपायर होने के बाद कागजों पर वितरण दिखाकर कागजों का पेट भर दिया गया होगा।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि दवाओं के मामले में हो रही कमीशनबाजी और दवाओं के फेंके जाने की जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए।
शारदा नदी किनारे श्मशान घाट के पास दवाइयां फेंके जाने के खुलासे के बाद लोग यह कहते मिले कि अस्पताल वालों ने जिंदा लोगों को दवाइयां नहीं दी। अब श्मशान के भूत दवा खाकर स्वास्थ्य लाभ लेंगे।
इस बाबत ईसानगर की सीएचसी खमरिया में तैनात अधीक्षक डॉ. हरेन्द्र नाथ वरुण ने बताया कि जानकारी हुई है मौके पर जा रहा हूँ।
वहां से दवाइयों के सैम्पल लेकर डिस्पैच नम्बर से मिलान करवाकर उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। उसी से यह पता चल सकेगा कि भारी मात्रा में नदी किनारे फेंकी गई दवाई कहाँ से आई है।

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