उसने केंद्र की मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार द्वारा हमें घर तक निशुल्क पहुंचाया गया है।
जैनुद्दीन ने बताया कि हम लोग किसी तरह रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचे हैं। वहां से हमको रोमानिया एयरपोर्ट लाया गया। वहां पर हम लोगों का फ्री टिकट हुआ।
उसके बाद हम लोगों को एरोप्लेन में सवार होकर भारत लाया गया। उसके बाद सकुशल घर पहुंचाया गया।
क्राइम जंक्शन से रूबरू होते हुए उसने बताया कि मैं सरकार को धन्यवाद देते हुए उनसे गुजारिश कर रहा हूं। कि अभी यूक्रेन की चार मेडिकल यूनिवर्सिटी में तमाम भारतीय छात्र फंसे हैं।
सरकार इनको भी कोशिश करके अतिशीघ्र भारत वापस लाएं। क्योंकि वहां किसी भी समय कुछ हो सकता है। बेटे के घर पहुंचने के बाद परिवारीजनों में खुशी की लहर दौड़ गयी।
जिले के छपिया थाना क्षेत्र उजागरपुर रेहरवा गांव का रहने वाला जैनुद्दीन अंसारी पुत्र अब्दुल्ला अंसारी मंगलवार को यूक्रेन में रूस से चल रही जंग के दौरान मुसीबतों से बचते बचाते वतन लौट आने में सफल रहा।
जैनुद्दीन ने बताया कि यूक्रेन में वह एमबीबीएस की चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। यूक्रेन में रूस से जंग शुरू हो जाने के बाद देश के अन्य तमाम छात्र-छात्राओं के साथ वह भी युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में फंस गया था।
इस दौरान पूरा परिवार और आस पास के लोग जैनुद्दीन की सलामती की दुआ कर रहे थे। जैनुद्दीन के पिता ने केंद्र की मोदी सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार के सहयोग से बेटा घर पहुंच गया है। हम मोदी जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं।
वतन वापसी की राह में तमाम अड़ंगे लगने के बाद भी जैनुद्दीन ने हिम्मत नहीं हारी। बुलंद हौसले के साथ तमाम रुकावटों को पार करते हुए वह रोमानिया एयरपोर्ट तक पहुंचा।
वहां से ऑपरेशन गंगा के तहत फ्लाइट से उसे मुंबई पहुंचाया गया। मंगलवार को फ्लाइट से उसे मुंबई से लखनऊ लाया गया। जहां से वह बस के माध्यम से अपने घर पहुंचा।
जिले के खरगूपुर क्षेत्र के रहने वाले एक भाई-बहन समेत करनैलगंज व इटियाथोक के एक-एक छात्र यूक्रेन में अभी भी फंसे हैं।
इन छात्रों के परिवार के लोग जिला प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री तक से अपने बच्चों की सकुशल वापसी की गुहार भी लगा चुके हैं।
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