वेद व्यास त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश की नवनिर्वाचित विधानसभा में आधे से ज्यादा विधायक किसी न किसी अपराध के आरोपी हैं यानी सरकार भले भाजपा की बने लेकिन बहुमत में तो आपराधिक रिकॉर्ड वाले ही हैं.
उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अध्ययन विश्लेषण के मुताबिक नामांकन के समय उम्मीदवारों के हलफनामे से ही खुलासा हुआ कि विधानसभा के कुल 403 विधायकों में से 205 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं.
इनमें से भी 39% यानी 158 विधायकों के खिलाफ तो संगीन जुर्म के आरोप वाले मुकदमे हैं.
पिछले चुनाव यानी 2017 में आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायक सिर्फ 147 थे यानी सदन की कुल संख्या का 36%. वहीं संगीन अपराध वाली धाराओं यानी हत्या, रेप, डकैती, अपहरण औरज जानलेवा हमला करने जैसे मुकदमे वाले विधायक भी 2017 में 107 के मुकाबले इस बार बढ़कर 158 यानी 39% हो गए हैं.
5 विधायक हत्या, 29 हत्या के प्रयास, एक रेप और 6 विधायक महिलाओं के प्रति अपराध के आरोपी हैं.
दलगत स्थिति से भी यही पता चलता है कि भाजपा के 255 में से 111 विधायक यानी 44%, समाजवादी पार्टी के 111 विधायकों में से 71 यानी 64%, आरएलडी के 8 में से 7 यानी 88%, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल दोनों के छह-छह में से चार-चार यानी 67% और अपना दल सोनेलाल के 12 में से 3 यानी 25% विधायक आपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं.
इसके अलावा शत प्रतिशत अपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों वाली पार्टियों में कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो-दो और बीएसपी के एकमात्र विधायक ने भी रिकॉर्ड बनाया है.
संगीन जुर्म के आरोपी विधायकों की सूची में बीजेपी के 90, समाजवादी पार्टी के 48, राष्ट्रीय लोकदल के 5, सुभासपा और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के चार-चार, कांग्रेस, अपना दल सोनेलाल और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो- दो और बसपा का एकमात्र विधायक भी शामिल है.
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ