गोण्डा:प्रसूता की मौत के मामले में दो चिकित्सकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज, जानें पूरा मामला | CRIME JUNCTION गोण्डा:प्रसूता की मौत के मामले में दो चिकित्सकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज, जानें पूरा मामला
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गोण्डा:प्रसूता की मौत के मामले में दो चिकित्सकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज, जानें पूरा मामला



आर के गिरी

गोण्डा: गर्भवती महिला की लापरवाही पूर्वक इलाज के दौरान हुई मौत के मामले में न्यायालय के आदेश पर दो चिकित्सकों के विरुद्ध कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। 


आरोप है कि परिजनों से ढाई लाख रुपए वसूलने के बाद इलाज में लापरवाही के कारण महिला की मौत हो गई।



जिला बार एसोसिएशन में कार्यरत कर्मचारी वाचस्पति मिश्र निवासी डड़वा दसौतिया थाना मोतीगंज ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कहा कि वह अपनी गर्भवती पत्नी शशि मिश्रा का इलाज निर्धारित फीस देकर नगर के मालवीय नगर स्थित स्टार हॉस्पिटल एवं मैटरनिटी होम की चिकित्सक डॉ. विजय लक्ष्मी सक्सेना से कराता रहा। 


पांच जनवरी 2021 को जांच के बाद डॉक्टर ने प्रसव के लिए आठ जनवरी 2021 निश्चित किया। सुबह 11 बजे पत्नी को भर्ती कराया तो डॉक्टर ने नॉर्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया। 


लेकिन दिन में तीन बजे ऑपरेशन की बात कही और ऑपरेशन का शुल्क जमा करने के लिए कहा। तत्काल धनराशि की व्यवस्था न होने से वह नाराज हो गईं और बुरा भला कहने लगीं। 


उत्तेजना में ही पत्नी को ऑपरेशन कक्ष में ले जाकर डॉ. विजय लक्ष्मी ने लापरवाही पूर्वक ऑपरेशन कर दिया। दो घंटे बाद सूचित किया कि लड़की पैदा हुई है। लेकिन मरीज की हालत चिंताजनक है। कहकर स्वयं व्यवस्था करके नगर के ही एससीपीएम हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड भेज दिया। 


वहां पर एससीपीएम हॉस्पिटल के डॉ. ओएन पांडेय ने बताया कि ऑपरेशन में गलती हुई है। इसलिए बच्चेदानी को निकालना पड़ेगा। 


पीड़ित के अनुसार, डॉक्टर की इस बात पर वह पत्नी को लखनऊ ले जाने के लिए तैयार हो गया। लेकिन उन्होंने डॉ. विजय लक्ष्मी की गलती को छिपाने व पैसे के लालच में लखनऊ नहीं जाने दिया। 


जच्चा-बच्चा को ठीक करने का आश्वासन देकर पैसा वसूलते रहे। नौ जनवरी की सुबह पांच बजे पत्नी शशि मिश्रा के मृत्यु की सूचना दी व शव बाहर कर ढाई लाख रुपये भी वसूल लिया। 


पीड़ित ने तत्कालीन जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से इसकी शिकायत किया लेकिन प्रभावशाली डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। 


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 22 अप्रैल को प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर को गर्भवती का उपेक्षा पूर्वक ऑपरेशन, उसे अवैध तरीके से प्रतिबंधित करने व लापरवाही से मौत की प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया। 



अदालत के आदेश के बाद भी कोतवाली पुलिस ने दो सप्ताह तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की। इस बीच कचहरी में बढ़ते आक्रोश को भांपकर पुलिस ने आनन-फानन में सोमवार को मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।


इस संबंध में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविचंद्र त्रिपाठी व  महामंत्री रितेश कुमार यादव ने कहा कि बार एसोसिएशन के कर्मचारी व पीड़ित साथी को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

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