कमलेश जयसवाल
खमरिया खीरी :धौरहरा क्षेत्र में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में गांव के विकास के लिए जारी की जा रही भारीभरकम बजट को विकास कार्यों में न लगाकर अपने बड़े अधिकारियों,बीवी-बच्चों और खुद का विकास करने के लिए अधिकारी ने हस्तलिखित हस्ताक्षर युक्त घूस का रेट कार्ड एक ग्राम प्रधान को थमा दिया।
जिसको पाकर सार्वजनिक मंच से क्षेत्रीय विधायक ने जैसे ही अधिकारियों को सुनाया तो सभी अधिकारियों में खलभली मच गई।
धौरहरा क्षेत्र के जमीनी व गरीबों के प्यारे विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने शनिवार को क्षेत्र पंचायत सदस्यों की बैठक में भरी सभा में मौजूद एमएलसी अनूप गुप्ता,बीजेपी जिला अध्यक्ष सुनील सिंह और कार्यकर्ताओं के बीच ईसानगर के एक ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा हस्तलिखित और हस्ताक्षर युक्त घूस का रेट कार्ड अचानक मंच पर पढ़कर सुनाना शुरू कर दिया।
जिसको सुनकर सभा मे बैठे अधिकारियों में खलभली मच गई। वहीं बीजेपी विधायक द्वारा घूस का रेट कार्ड सार्वजनिक किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने हर बार की तरह इस मामले की जांच कराने की कही बात ।
वहीं ईसानगर क्षेत्र के ग्राम पंचायत लौकाही मल्लापुर के ग्राम प्रधान ने विधायक को घुसकार्ड देने के बाद यह भी बताया कि माननीय प्रधानमंत्री व तेजतर्रार मुख्यमंत्री के द्वारा गांवों के विकास के लिए दिये जा रहे भारीभरकम बजट को ग्राम पंचायत अधिकारी हैंड पम्प के फर्जी रिबोर करवाकर पूरा पैसा हजम कर रहे है, यही नहीं गांवों में लगने वाली इंटरलाकिंग में घोटाला कर 30 से 50 प्रतिशत एडवांस देने को कह रहे है।
इसके अलावा एक अन्य ग्राम प्रधान ने बताया कि उसके यहां किये गए कार्यों का भुगतान अभी पूरा हुआ भी नहीं था कि ग्राम पंचायत अधिकारी ने अपने ही मुंशी के नाम हजारों रुपये उसके खाते पर भेजकर निकाल लिए है।
यहां साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि कच्चे कार्यों पर जिम्मेदार 10 प्रतिशत लेने के बाद काम करवाते है। इसके साथ साथ ब्लॉक में यह भी चर्चा है कि जिन गांवों में सेटिंग गेटिंग होती है वहाँ मानकों को ताक पर रखकर कई गुना अधिक काम करवा दिया जाता है वही जहां सेटिंग नहीं होती उस गांव में नाम मात्र काम करवाये जा रहे है।
इतना सब होने की जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साध तमाशबीन बने हुए है। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक विनोद शंकर अवस्थी के द्वारा क्षेत्र पंचायत सदस्यों,एमएलसी व अधिकारियों के बीच खुलेमंच पर भ्रस्टाचार कर ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा घुस की जारी की लिस्ट को पढ़कर सुनाने के दौरान बताया गया कि ग्राम पंचायत अधिकारी अंकित श्रीवास्तव ने करीब 118000 रुपये देने पर ही आगे ग्राम पंचायत में विकास कार्य शुरू करवाने की बात कही है।
जिसको सुनकर अधिकारियों के साथ साथ ग्राम पंचायत अधिकारी व उनके द्वारा रखे गए प्राइवेट मुंशियों में अफ़रातफ़री मची हुई है।
फिलहाल कुछ भी हो योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्लाकों में तैनात अधिकारी व कर्मचारी खुलेआम कागजों पर सांठगांठ कर गांवों में मानक विहीन कामों को करवाकर लगाकर चर्चा का विषय बने हुए है।
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