कर्म पर ही सुख दुःख निर्भर : प्रभाकर मणि त्रिपाठी | CRIME JUNCTION कर्म पर ही सुख दुःख निर्भर : प्रभाकर मणि त्रिपाठी
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कर्म पर ही सुख दुःख निर्भर : प्रभाकर मणि त्रिपाठी



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रमाकांत पांडे

पट्टी प्रतापगढ़। मनुष्यों के कर्म पर ही उसके जीवन में सुख दुःख निर्भर करता है।


उक्त बातें आसपुर देवसरा ब्लाक क्षेत्र के एक डरिया गांव में आद्या प्रसाद मिश्र के संयोजन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में  कथा वाचक पं प्रभाकर मणि त्रिपाठी ने गुरुवार को कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने कर्म के अनुसार ही मान अपमान तथा सुख दुःख का भागीदार बनता है, कहा कि जीवन में चाहे जितना बड़ा संकट आए मनुष्य को धर्म के मार्ग से विचलित नहीं होना चाहिए। 


धर्म के मार्ग पर चलकर ही ईश्वर की कृपा प्राप्त की जा सकती है। श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा के संकीर्तन के साथ कथा को विराम दिया गया।


 उक्त अवसर पर राम अछैबर मिश्र,कामता प्रसाद, हरिकेश मिश्र, राजेन्द्र कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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