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35 घंटे बाद भी नहीं मिला सरयू नदी में डूबा अजय

 


सीतापुर से एनडीआरएफ की टीम पहुचीं,खोजबीन में जुटी

सिंचाई विभाग की हरकत ने वीरान कर दी पिता और पत्नी की जिंदगी

कमलेश

धौरहरा-लखीमपुरखीरी:धौरहरा क्षेत्र के रामनगर बगहा में अचानक आये शैलाब में बहकर डूबे 22 वर्षीय अजय का 40 घंटे बाद भी पता नहीं चल पाया है।


इस दौरान उपजिलाधिकारी व सीओ की देखरेख में स्थानीय गोताखोरों ने उसे खोजने का प्रयास करते रहे। पर कामयाबी नहीं मिली। 


जिसको देख उपजिलाधिकारी ने एनडीआरएफ की टीम सीतापुर से बुलाकर अजय की खोज शुरू करवाई है।


धौरहरा के रामनगर बगहा में शनिवार की रात बिना किसी सूचना के सिंचाई विभाग ने गिरिजापुरी बैराज के फाटक खोल दिये। इससे अचानक नदी में बाढ़ आ गई। 


ग्रामीण जब इसको समझ पाते तबतक सरयू नदी में पड़ी नाव को बचाने निकले अजय को भी तेजधारा ने अपने साथ बहाकर ले गई। जिसकी खोजबीन के लिए एनडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। 


वहीं उपजिलाधिकारी धीरेन्द्र सिंह समेत धौरहरा निरीक्षक डीपी शुक्ल,सीओ टीएन दुबे नजर रखे हुए है।



सिंचाई विभाग की हरकत ने वीरान कर दी पिता और पत्नी की जिंदगी


रामनगर बगहा गांव के मौजीलाल का बेटा अजय उसका इकलौता चिराग था। 22 अप्रैल को मौजी ने धूमधाम से उसकी शादी की थी। 



शनिवार की रात नदी के पानी ने नव वधू के श्रृंगार को आग लगा दी। पूरे गांव की आंखे इस घटना के चलते नम हैं। गांव के लोग बताते हैं कि रामनगर बगहा में सरयू की कटान के चलते खेती की जमीन नदी के पार चली गई है। यहां लोगों के पास अपनी नावें हैं। 


जिनके सहारे वह रोज ही नदी पार खेतों को जाते हैं। रात में यह नावें नदी किनारे बांध दी जाती हैं। शनिवार को बिना किसी सूचना के सिंचाई विभाग ने गिरिजापुरी बैराज के फाटक खोल दिये। इससे अचानक नदी में बाढ़ आ गई। 


ग्रामीण जब तक संभलते, घाघरा उनकी नावों को बहाकर ले जाने लगी। मौजी भी नाव बचाने बेटे के साथ नदी में गया था। हवा और नदी की रफ्तार दोनों तेज थीं। नाव पलटी तो मौजी किसी तरह निकल आया। 


लेकिन बेटा नदी के सैलाब में खो गया। ग्रामीण कहते हैं कि बैराज के फाटक खोलने से पहले अगर प्रभावित गांवों में अलर्ट जारी किया जाता तो दुर्घटना नहीं होती। लेकिन विभाग के बेपरवाह अफसर अक्सर बिना सूचना के पानी छोड़ देते हैं।


इस बाबत उपजिलाधिकारी धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि नदी में अचानक पानी कैसे बढ़ा यह जांच का विषय है। अगर बैराज से पानी छोड़ा जाना था तो इसका अलर्ट जारी होना चाहिए था।


 उच्च अधिकारियों के सामने इस बात को उठाया जाएगा। जिससे भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

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