रजनीश/ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। साहित्यिक संस्था बज्में शामें गजल की एक शोक गोष्ठी मोहल्ला बालूगंज स्थित अल्लामा इकबाल लाइब्रेरी में आयोजित हुई।
गोष्ठी में प्रसिद्ध कवि व सेवानिवृत्त शिक्षक स्वर्गीय शेर बहादुर सिंह लहरी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता हाजी शब्बीर शबनम और संचालन याकूब सिद्दीकी ने किया।
संरक्षक अब्दुल गफ्फार ठेकेदार ने कहा कि लहरी जी हमारे खानदानी संबंध थे उनके बड़े भाई स्वर्गीय शिवमंगल सिंह अच्छे शिक्षक थे।
महामंत्री मुजीब सिद्दीकी ने श्रद्धांजलि देते हुए लहरी व उनके बड़े भाई दोनों के प्रति विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अवधी के बहुत अच्छे कवि लहरी जी आकाशवाणी लखनऊ से उनकी रचनाएं अक्सर प्रसारित होती रहती थी।
वरिष्ठ कवि गणेश प्रसाद तिवारी नेश ने कहा कि लहरी जी ने अपनी रचनाओं से दूर-दूर तक इस क्षेत्र का नाम रोशन किया है। मोहम्मद जकी बकाई ने कहा कि लहरी जी जमीन से जुड़े हुए शायर थे।
याकूब सिद्दीकी अज्म गोंडवी ने कहा कि लहरी जी एक आदर्श शिक्षक और अवधि के कुशल शिल्पकार थे। वह जितने शायर साहित्यकार थे उतने ही अच्छे इंसान भी थे।
वक्ताओं ने कहा कि कवि सम्मेलन व मुशायरे में लहरी जी राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त थे उनकी रचनाओं में मिट्टी की महक शामिल है। उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है।
अध्यक्षता कर रहे शब्बीर शबनम ने लहरी को यथार्थवादी कवि व बड़ा फनकार बताते हुए फिर खिराजे अकीदत पेश किया।
गोष्ठी में ताज मोहम्मद कुर्बान, अनीश खान आरिफ़ी, मौलाना ओवैस कादरी, नियाज अहमद कमर, संतराम सिंह, डॉक्टर असलम, वीरेंद्र विक्रम तिवारी, मूवीन मंसूरी, हरीश शुक्ला, कयूम सिद्दीकी, अल्ताफ राईनी, सगीर अहमद सिद्दीकी, अहमद रजा, उत्तम कुमार सोला सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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