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अधेड़ की हत्या से परिजनों में कोहराम, अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा



एएसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर कोतवाली को दिया खुलासे का अल्टीमेटम 

गौरव तिवारी

लालगंज, प्रतापगढ़। मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करने वाले अधेड़ की हत्या से रविवार को परिजनों मे कोहराम मच गया।


लालगंज कोतवाली के केदौरा गांव में जीतलाल सरोज 38 पुत्र माताबदल मजदूरी कर जीवनयापन किया करता था। शनिवार की शाम वह घर से शौच के लिए गांव के समीप नाले के समीप गया था। 


देर रात होने पर भी जीतलाल घर नहीं लौटा तो परिजन चिन्तित हो उठे। परिजनों ने रात भर उसकी तलाश की किन्तु उसका पता नही चल सका।



 रविवार की सुबह मृतक जीतलाल का बड़ा भाई हरिश्चंद्र सरोज शौच के लिए गया तो नाले के पास जीतलाल को मृत देख चीख पड़ा। हरिश्चंद्र की चीखपुकार पर गांव के लोग तथा परिजन भी मौके पर पहुंच गये। 


मृतक जीतलाल के हाथ व सिर पर चोटें देखकर परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। घटना की जानकारी होते ही प्रभारी निरीक्षक लालगंज कमलेश पाल तथा सीओ रामसूरत सोनकर भी मौके पर पहुंच गये। 


इधर मातहतों की सूचना मिलते ही जिले के अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी रोहित मिश्र भी घटनास्थल पर पहुंचे। एएसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों से भी पूछताछ की। हालांकि परिजनों के मुताबिक मृतक अथवा परिवार की किसी से कोई रंजिश नही थी। 


पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर पंचनामा कराया। इधर मृतक की पत्नी रन्नो देवी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या तथा शव को छिपाये जाने का पुलिस ने केस दर्ज किया। 


पुलिस ने मृतक के शव को पीएम के लिए जिला मुख्यालय भेजवाया है। एएसपी रोहित मिश्र का कहना है कि केस दर्ज किया गया है, पीएम रिर्पोट आने के बाद मौत के कारणों पर मंथन किया जाएगा। 


उन्होनें कोतवाली पुलिस को घटना के शीघ्र खुलासे को लेकर भी कड़े निर्देश दिये। इधर जीतलाल की मौत की जानकारी होते ही आसपास के गांवो से भी घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गयी। 


पुलिस भी प्रारंभिक तौर पर जीतलाल की मौत को लेकर उलझन मे देखी गयी। वहीं मृतक की पत्नी रन्नों का रो-रो कर बुरा हाल था। गांव के लोगों मे यह चर्चा जरूर थी कि आखिर मेहनत मजदूरी करने वाले जीतलाल को किस रंजिश के तहत मारा गया। 


इधर जीतलाल की मौत को लेकर पुलिस भी अंदर ही अंदर कई बिंदुओं पर पडताल मे जुटी हुई है। मृतक जीतलाल पांच भाईयों मे चौथे नंबर का था। सभी भाई अलग अलग परिवार के साथ रहा करते हैं। 


हालांकि जीतलाल के साथ ही उसके माता पिता भी रहते रहे। वहीं मृतक अपने पीछे दो पुत्र धीरेन्द्र 17 तथा केशलाल 10 व पुत्री सविता 15 व गेदाऊ 13 को निराश्रित छोड गया है। 


पुत्र व पुत्रियों में किसी का भी हाथ पीला करने की जीतलाल की हसरत धरी की धरी रह गयी।

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