विनोद कुमार
प्रतापगढ़। सहायक निदेशक (बचत) विजय कुमार ने बताया है कि राष्ट्रीय बचत योजनान्तर्गत डाकघर में किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र, मासिक आय योजना, सावधि जमा (एक वर्षीय, दो वषीर्य, तीन वर्षीय तथा पांच वर्षीय) एवं आवर्ती खाता डाकघर में जमा कराने हेतु अधिकृत अभिकर्ता एवं महिला प्रधान अभिकर्ताओं की नियुक्ति की जाती है जिन्हें जमाकर्ताओं को प्रेषित करने के एवज में प्रोत्साहन स्वरूप कमीशन प्राप्त होता है।
अधिकृत अभिकर्ताओं को जमाकर्ताओं से धन प्राप्त करते समय उन्हें रशीद बही निर्गत की जाती है जिसे अभिकर्ता किसी भी जमाकर्ता से धन प्राप्त कर रशीद जमाकर्ता को दे देता हैं।
पुनः जब पासबुक/बचत पत्र जमाकर्ता को अभिकर्ता द्वारा हस्तगत कराये जाने पर रशीद वापस लेकर अभिकर्ता प्रति पर हस्ताक्षर जमाकर्ता से प्राप्त किया जाता है।
इसी तरह महिला प्रधान अभिकर्ताओं को आवर्ती जमा (आर0डी0) खाताधारकों से धन प्राप्त करने के लिये एसलास-5 शासकीय रशीद निर्गत की जाती है जिस पर जमाकर्ता धन देते समय हस्ताक्षर करके अपनी प्रति अभिकर्ता से मांग सकता है तथा डाकघर में धनराशि जमा कर अभिकर्ता अपनी प्रति पर जमाकर्ता से हस्ताक्षर कराकर जमाकर्ता को पासबुक हस्तगत कराता है।
किसी भी दशा में जमाकर्ता/निवेशक किसी अभिकर्ता के निजी बचत खाते में धनराशि न जमा कराये, न ही अभिकर्ता के नाम का चेक जारी करें, जब भी चेक से धनराशि जमा करायें चेक पोस्टमास्टर डाकघर के नाम एकाउन्ट पेई चेक ही जारी करें।
उन्होने बताया है कि यह व्यवस्था आम जमाकर्ताओं की धनराशि की सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गयी है ताकि किसी अभिकर्ता द्वारा आम जनता के धन का दुरूपयोग रोका जा सके।
उन्होने डाकघर जमाकर्ताओं से अनुरोध किया है कि किसी भी अभिकर्ता से डाकघर में धनराशि जमा कराते समय उसका प्राधिकार पत्र जिस पर वैधता तिथि अंकित है अवश्य देखे तथा धनराशि देते समय रशीद अवश्य मांगे।
इस प्रक्रिया का पालन अभिकर्ता, जमाकर्ता दोनो के लिये उनके धन की सुरक्षा एवं जवाबदेही के लिये किया जाना आवश्यक है।
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