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पत्नी के अपहरण मामले में पति को हुई 10 साल की सज़ा 13 साल बाद पत्नी अपनी बहन के घर मे हुई सकुशल बरामद





सलमान असलम 

 उत्तर प्रदेश के बहराइच में 13 साल बाद मरी हुई पत्नी हुई प्रकट तो झूठे मुकदमे की साजिश से उठा पर्दा। 


जिस पत्नी की हत्या व अपहरण के आरोप में पति सास और देवताओं ने काटी जेल वह निकली जिंदा। एक बार फिर सवालों के घेरे में यूपी पुलिस। 


उत्तर प्रदेश के रामपुर में शराब बरामदगी के नाम पर व्यापारिक को फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले में आईपीएस अफसर सहित 30 पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की गाज गिरने के बाद भी यूपी पुलिस के कारनामे सामने आ रहे हैं। 


ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बहराइच का है जहां जिस पत्नी के अपहरण के आरोप में उसके पति को 10 साल की सजा हुई है और जिस अपहरण व हत्या मामले में बीते 13 साल से कोर्ट के चक्कर काट रहा है वह महिला यानी उसकी पत्नी अपनी बहन के घर सुरक्षित मिली है। 





पत्नी के घर वालों ने पति सास व देवर ऊपर फर्जी अपहरण का मुकदमा लिखाया तो पुलिस ने भी खानापूर्ति कर बिना सही जांच किए निर्देशों को बनाया दोषी कोर्ट में दाखिल कर दी चार्जशीट। 


आरोप पत्र आने के बाद न्यायालय में शुरू हुआ मुकदमे का ट्रायल और 2017 में पत्नी के अपहरण व दहेज उत्पीड़न के मामले में पति को कोर्ट ने सुनाई 10 साल कारावास की सजा व लगाया 17000 जुर्माना। 


महिला में की बरामदगी होने के बाद पुलिस अब फिर से हर पहलू के जांच करने की बात कह रही है। 


लेकिन अगर पुलिस ने की होती सही विवेचना तो पति को नहीं काटनी पड़ती 11 माह की जेल निर्दोष होते हुए भी नहीं होती 10 साल की सजा।



बहराइच के रामगांव थाना क्षेत्र के जमापुर गांव निवासी कंधई का विवाह 2006 में इसी गांव निवासी रामवती के साथ हुआ था। 


बताया जाता है कि 2009 में रामवती ससुराल से लापता हो गई। मायके वालों ने कोर्ट की शरण लेकर पति समेत चार लोगों पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। 


वर्ष 2017 में पति को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई। पति जेल में बंद रहा। सजा के बाद कंधई ने हाईकोर्ट में अपील कराई। 


जिससे कुछ माह बाद उसको जमानत मिली। बताया जाता है कि बीते गुरुवार को 12 साल से लापता पत्नी रामावती के अपने बहन के यहां आने की सूचना मिली। शोर मचते ही पूरा गांव एकत्र हो गया। सूचना पुलिस को दी गई। 


रामगांव थानाध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचा गया और वहां महिला मौजूद मिली। सुरक्षा के मद्देनजर महिला सिपाहियों की मौजूदगी में महिला को लेकर कोर्ट में पेश किया गया और उसके बाद वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया। आगे नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। 


आपबीती सुनाते हुए कन्हैया ने कहा कि उसने अपनी पत्नी के मायके वालों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग को लेकर लिखित तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने ना तो उनके मामले में विवेचना की न ही उनकी तहरीर के आधार पर कोई मुकदमा पंजीकृत किया ऐसे में अब पीड़ित कंधई ने दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है।



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