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सतीश वर्मा
गोण्डा: समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की होती है।
लेकिन जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो देश का क्या होगा अपराधियों पर शिकंजा कौन कसेगा ?
रक्षक ही बना भक्षक, सरकारें बदलती है लेकिन सिस्टम नही बदलती, सिस्टम की बदहाली और सिस्टम में मनमानी का ये खेल को नया नही है, लेकिन थोड़ा अलग जरूर है।
क्योंकि प्रदेश योगी सरकार है जो रोज नित्य दावे करती है लेकिन सरकार के दावे को पुलिस दरकिनार करती नजर आ रही है।
ताजा मामला यूपी के गोण्डा के मोतीगंज थाना क्षेत्र कहोबी गांव से आया है जहां अपने ही जमीन पर कब्जा रोकने की शिकायत करना पीड़ित को ही भारी पड़ गया।
सूचना पर सादी वर्दी में पहुँची पुलिस ने एक ही परिवार के कई लोगों की जमकर पिटाई कर दी वही पिटाई से चीख पुकार सुनकर दौड़े आस-पास के लोगों की भी पुलिस ने कानून को ताक पर रखकर पुलिसिया कहर बरपाते हुए जमकर पिटाई करते )हुए सभी को जेल भेज दिया।
वही अब इस मामले में पुलिस द्वारा पीड़ित पक्ष पर ही उल्टा पुलिसिया कहर बरपाते हुए उल्टा आरोप लगाया गया है कि जमीनी विवाद में जांच करने पहुँचने पर पुलिस टीम पर हमला किया गया ।
जिस पर चौकी प्रभारी कहोबा के तहरीर पर 12 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर 7 लोगो को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपा ली ।
लेकिन अब इस मामले का एक नया वीडियो सामने आया है और सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा जहाँ पर बिना वर्दी में खड़े कहोबा चौकी प्रभारी धर्मेंद्र गौतम व आरक्षी धर्मेंद्र यादव के ही पिटाई से बीच सड़क पर युवक तड़पता रहा ।
लेकिन पुलिस वीडियो बनाने में मस्त रही और इन पुलिसकर्मियों ने बदमाशों का रूप धारण कर पीड़ित व उसके पड़ोसियों के घर मे ताला तोड़कर जमकर तोड़फोड़ की है।
पुलिस महकमे के इस कारनामे ने मोतीगंज पुलिस को कटघरे में खड़ा करता नजर आ रहा है और आखिर बिना वर्दी में पुलिस कैसे जमीन की विवाद में जांच करने पहुँच गई ??
सोचने वाली बात यह है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाएगा तब कैसे होगी देश प्रदेश और जनता की रक्षा वही पीड़िता केवलापति ने रो रोकर बताई की मोतीगंज पुलिस रात्रि में आती घर मे रखे सामानों की तोड़फोड़ करती है ।
अब इस पुलिसिया कहर से बुजुर्ग महिला परेशान होकर एसपी ने न्याय की गुहार लगाई है न्याय न मिलने पर पीड़िता ने आत्महत्या करने की भी चेतावनी दी है।
अब देखना यह है कि पीड़िता को न्याय मिल रहा है या फिर विभागीय अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर लीपापोती कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा
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