गौरव तिवारी
खबर प्रतापगढ़ से है जहां पट्टी- विकास खंड बाबा बेलखरनाथ धाम क्षेत्र के सोनाही गांव निवासी गुलाब चंद की पत्नी सीमा 35 वर्ष के सीने में औंधे मुंह का फोड़ा था।
बीते 14अगस्त को तकलीफ़ होने पर गुलाब चंद ने अपनी पत्नी को जिले के सदर के समीप स्थित साईं मंथन नर्सिंग होम में भर्ती कराया।
डाक्टर ने महिला को आईसीयू में रखा जिसका एक दिन का चार्ज 20 हजार रुपए था।लेकिन आईसीयू चार्ज की जानकारी मजदूर को नहीं दी गई।
छः दिन मरीज के इलाज के बाद मजदूरी करने वाले गरीब गुलाब चंद को बिल थमाया गया,तो उसके होश उड़ गए मेडिकल स्टोर की दवा लेकर कुल एक लाख चालीस हजार रुपए भुगतान करने पर ही डिस्चार्ज करने की बात नर्सिंग होम में तैनात कर्मचारियों द्वारा कही गई।
गुलाबचंद ने सोनाही गांव के पूर्व प्रधान राजीव सिंह उर्फ बब्लू सिंह को दी। 20 अगस्त को बबलू सिंह ने साईं मंथन नर्सिंग होम पहुंचे वहां के स्टाफ से महिला के इलाज में खर्च हुए रुपयों का ब्यौरा मांगा तो कोई भी कर्मचारी और डॉक्टर बोलने को तैयार नहीं हुआ।
प्रधान द्वारा किसी तरह से गुलाबचंद की पत्नी सीमा को डिस्चार्ज कराया और मामले की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतापगढ़ से की।
साईं मंथन नर्सिंग होम में तैनात एक डॉक्टर अपने आपको मेडिकल कॉलेज का खुद को प्रोफेसर बताता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक द्वारा लगातार सरकारी अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज कराने का फरमान तो जारी कर रहे हैं।
लेकिन प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पतालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
आज जिस तरह से गुलाबचंद की पत्नी सीमा को एक फोड़ा का इलाज करने पर लाखों रुपए की मांग की गई है ।
यही दर्शाता है कि धरती के दूसरे भगवान डॉक्टर की मानवता इंसानियत मर चुकी है चंद रुपयों की खातिर अपने जमीर को बेंच दिया है।
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