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बहराइच: इंडियन बैंक शाखा रुपईडीहा में नेटवर्क न रहने से उपभोक्ता परेशान



राजकुमार शर्मा 

 बहराइच :-जनपद बहराईच के भारत नेपाल सीमावर्ती कस्बा रुपईडीहा में संचालित इंडियन बैंक में विगत लगभग एक महीने से नेटवर्क की समस्या आम बनी हुई है। 


जिससे खाताधारकों को परेशान होना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं ने बताया कि यहाँ बैंक का अपना प्राइवेट नेटवर्क साधन नहीं है  जिससे खाता धारकों को अनेको अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।


जबकि अन्य बैंकों में खुद का अपना प्राइवेट नेटवर्क की व्यवस्था है लेकिन बहुतायत सरकारी विभाग भारत सरकार के नेटवर्क ब्रॉडबैंड फाइबर की सुविधा से अपने कार्य को संचालित करते है ।


लेकिन आए दिन ब्रॉडबैंड खराब होने के कारण नेटवर्क की समस्या से सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न हो जाती है इस संबंध में लैंड कस्टम रुपईडीहा के अधिकारियों ने बताया कि हम लोगों का कार्य क्योंकि भारत सरकार का से जुड़ा हुआ कार्य है हम प्राइवेट साधन नहीं ले सकते हैं ।


केवल ब्रॉडबैंड पर ही हम निर्भर  है जिसके कारण जब तक ब्रॉडबैंड चलता है तब तक हम लोग कार्य करते हैं ।


इसी प्रकार इंडियन बैंक की शाखा रुपईडीहा में जब तक नेटवर्क रहता है तब तक कार्य होता है नेटवर्क चले जाने के बाद सारा कार्य ठप हो जाता है ।


जैसा कि इंडियन बैंक के सीढ़ियों पर बैठे बैंक उपभोक्ताओं को आप देखकर अंदाज लगा सकते हैं कि यह सुबह से ही बैंक के सिढियो पर  भूखे प्यासे बैठे हुए हैं बैंक से संबंधित कार्यों के लिए इंतजार कर रहे हैं । 


रक्षाबंधन व मुस्लिम त्यौहार आ गया है पैसा निकालने के लिए सुबह से ही यह लोग लाइन में इंतजार बैठ कर रहे हैं कि अब नेटवर्क आ जाएगा जिसे हमारा समस्या का समाधान हो जाएगा । 


इस संबंध में प्राइवेट टेलीफोन टेक्नीशियन जब्बार से जब बात की गई तो उसने बताया कि लाइन में आगे से खराबी चल रहा है ।


जिसके कारण से यह समस्या उत्पन्न हो गया है क्योंकि रुपईडीहा में न तो कोई सरकारी टेक्नीशियन है और तो कोई अधिकारी टेलीफोन की समस्या के समाधान करने के लिए उत्तरदायी है ।



लेकिन टेलीफोन विभाग द्वारा अपने बकाया पैसों के लिए दूरसंचार विभाग अदालत का सहारा लेकर पुराने ग्राहकों को नोटिस पुलिस के द्वारा जरूर भिजवा रहा है और उनके रातों की नींद हराम कर दिया है ।


लोग  भूल चुके थे कि कभी हमने टेलीफोन भी लगवाया था, न तो उन्हें पुराना अपना नंबर ही याद है लेकिन बकाया है याद नहीं है ।


लेकिन टेलीफोन विभाग का नोटिस आने के बाद हर आदमी सकते में आ गया है कि जल्दी से जल्दी  पैसा जमा करके हम  नोटिस को बंद करें । 


वैसे भारत दूरसंचार की अव्यवस्थाओं से स्थानीय नागरिक परेशान हो चुके है बी एस एन एल के नेटवर्क से मुंह मोड़ लिया है प्राइवेट नेटवर्क के लिए अपने बीएसएनल नंबर को पोर्ट कराने लगा है ।



क्योंकि अब लोगों का विश्वास दूरसंचार लिमिटेड से मोह खत्म हो चुका है अंगुलियों पर गिने चुने लोगो के पास ही  लैंडलाइन  भारत  संचार लिमिटेड का रह गया है।

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