भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए रामघाट में विश्व कल्याण सनातन धर्म संसद का आयोजन, लिया अहम निर्णय | CRIME JUNCTION भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए रामघाट में विश्व कल्याण सनातन धर्म संसद का आयोजन, लिया अहम निर्णय
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भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए रामघाट में विश्व कल्याण सनातन धर्म संसद का आयोजन, लिया अहम निर्णय



वासुदेव यादव 

अयोध्या। भारत काे हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए आचार्य पीठ तपस्वी जी की छावनी रामघाट में विश्व कल्याण सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया।


सनातन धर्म संसद की अध्यक्षता करते तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरू परमहंस आचार्य ने कहा कि 2023 के पहले यदि केंद्र सरकार भारत काे हिंदू राष्ट्र नही घाोषित करती है।

ताे वह 7 नवंबर 2023 काे हिंदू राष्ट्र घोषित कराने के लिए अन्न-जल का परित्याग कर आमरण-अनशन करेंगे। 


इसके लिए सभी अखाड़ाें के संत-महंत उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में ईसाइयों के 157 व मुसलमानों के 57 देश हैं। लेकिन हिंदुओं का एक भी देश नही है। जब देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। 


पाकिस्तान और बांग्लादेश मुसलमानों को मिल गया। जाे इस्लामिक राष्ट्र भी बन गया। इसलिए हिंदुस्तान काे हिंदू राष्ट्र बनना चाहिए।



 परमहंसाचार्य ने बताया कि सनातन धर्म में भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो, जनसंख्या नियंत्रण व समान नागरिक संहिता कानून जल्द लागू हाे, गाैहत्या बंद हाे, गाय काे राष्ट्र माता घोषित किया जाए आदि तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई। 


इस पर सभी संत-महंताें ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया है। कार्यक्रम में हनुमानगढ़ी चाराें पट्टी समेत अन्यान्य प्रदेशों के संत-महंत, धर्माचार्य एवं महामंडलेश्वर सम्मिलित हुए। 


सनातन धर्म संसद काे महंत हरिवंश दास औलिया बापू गुजरात, संकटमोचन सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास, महंत माधवदास हनुमानगढ़ी, दिगंबर अखाड़ा महंत सुरेश दास, निर्वाणी अनी के श्रीमहंत धर्मदास, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी व निर्माेही अखाड़ा महंत दिनेंद्र दास, हनुमान बाग महंत जगदीश दास, हरिद्वारी पट्टी महंत मुरली दास, हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत बलराम दास, महंत राजूदास, तेरह भाई त्यागी के श्रीमहंत रामस्वरूप दास ब्रह्मचारी वृंदावन, महंत एकनाथ महाराज महाराष्ट्र ने भी अपने विचार व्यक्त किए। 


संचालन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी गद्दीनशीन के शिष्य डॉ. महेश दास ने किया। इस अवसर पर बड़ाभक्तमाल के महंत काैशलकिशाेर दास, महंत रघुवंश दास महात्यागी राजस्थान, महंत लघुराम दास मध्य प्रदेश,श्रीमहंत रामसुमिरन दास, भाेपाल, श्रावण कुंज महंत रामरूप शरण, कनक महल महंत सीताराम दास महात्यागी, श्रीमहंत रामलखन दास काेटा, श्रीमहंत श्याम सुंदर शास्त्री, फर्रुखाबाद, श्रीमहंत रामपदारथ दास शिमला,  श्रीमहंत तुलसीदास खाकचाैक, महंत रामेश्वर दास शास्त्री सीकर, विरक्त आश्रम महंत माधवदास, हेमंत दास, नागा नंदराम दास, मामा दास, महंत रामकुमार दास, महंत रामलाेचन शरण, महंत रामकिशाेर दास, राजेश पहलवान, राकेश पहलवान, पार्षद पुजारी रमेश दास, नागा सूरज दास, उपेंद्र दास, कल्लू दास आदि संत-महंत व धर्माचार्य माैजूद रहे।

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