गौरव तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने यूपी में इस समय सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के चलते वीभत्स अपराधों मे बढोत्तरी को लेकर कडी चिंता जतायी है।
श्री तिवारी ने कहा कि लखीमपुर खीरी मे जिस तरह से अनुसूचित समुदाय के दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण करके उनसे दिनदहाडे सामूहिक बलात्कार किया गया और उनकी हत्या कर शवों को पेड पर टांग दिया गया इससे उत्तर प्रदेश सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है।
श्री तिवारी ने कहा कि इस वीभत्स घटना से भी यह साफ हो गया है कि यूपी में मौजूदा सरकार का अपराधियों मे कोई भय नही है। उन्होनें सरकार से कहा है कि वह पीडित परिवार की इच्छा के अनुसार इस वीभत्स घटना की सीबीआई से जांच कराये अथवा जिस भी एजेन्सी से जांच कराये उसकी मानीटरिंग सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट से की जानी चाहिए।
रविवार को रामपुर खास के अपने पांच दिनी दौरे का समापन करते हुए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने यूपी सरकार से पीडित परिवार को दो करोड की आर्थिक सहायता तथा योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दिये जाने की भी मांग उठायी है।
स्थानीय कैम्प कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद मीडिया से रूबरू राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि इस घटना से भाजपा के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा भी अब सिर्फ पोस्टर बैनर मे रह गया दिखता है।
उन्होने घटना को लेकर बीती सोलह सितंबर को कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व मे लखीमपुर गये पार्टी प्रतिनिधिमण्डल की सरकार से की गयी मांगों को भी न्यायोचित ठहराते हुए दोषियों को सरकार से कडी सजा दिलाए जाने की मांग की है।
वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने देश की आर्थिक व्यवस्था के दिनोदिन खराब होने पर भी मोदी सरकार को आडे हाथो लिया। प्रमोद तिवारी ने चुटकी ली कि मोदी पहले शेर से खेलते थे।
शेर दहाडता है लेकिन अब वह चीते से खेल रहे हैं जबकि चीता म्यांऊ म्यांऊ करता है। सांसद प्रमोद ने कैम्प कार्यालय पर जनसमस्याओं की सुनवाई भी की और सम्बन्धित अफसरों को निदान कराए जाने के निर्देश दिये।
इस मौके पर प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, पूर्व प्रमुख ददन सिंह, केडी मिश्र, कुंवर ज्ञानेन्द्र सिंह, दयाराम वर्मा, छोटे लाल सरोज, एबादुर्रहमान, बृजेश द्विवेदी, श्रीधर तिवारी, वसीम खां, रामचंद्र तिवारी, हरिश्चंद्र विश्वकर्मा, भइयाराम तिवारी, मुरलीधर तिवारी आदि रहे।
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