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लालगंज:राजस्व संहिता का गहन अध्ययन कर जरूरतमंदो को न्याय दिलाएं अधिवक्ता:भोला नाथ



लालगंज तहसील सभागार में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2016 पर कार्यशाला में हुआ वृहद मंथन

 आलोक शुक्ला

लालगंज, प्रतापगढ़। तहसील सभागार में शनिवार को उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता पर विधिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यशाला का शुभारंभ इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भोला नाथ यादव व रिटायर्ड जिला जज प्रेम सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। 


कार्यशाला में बतौर मुख्यअतिथि बोलते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता भोला नाथ यादव ने कहा कि न्याय प्रणाली में कानून के उपबन्धों के साथ प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत अहम हुआ करता है। 


उन्होनें कहा कि राजस्व संहिता के अध्याय-5 में राजस्व अदालतों में पूर्ण न्याय के मजबूत विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किये गये है। अधिवक्ताओं का विधिक क्षेत्र में ज्ञान बढाते हुए भोला नाथ ने कहा कि वकालत एक नियम और कानून की जानकारी के बीच न्याय के लिए तर्कयुद्ध है। 


उन्होनें राज्य तथा राजस्व परिषद व उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के भारतीय न्याय की मीमांशा और व्याख्या पर भी वृहद प्रकाश डाला। 


विशिष्ट अतिथि रिटायर्ड जिला जज प्रेम सिंह ने राजस्व अदालतों को न्यायिक क्षेत्र में विवादों के निस्तारण कराए जाने में सुलभ करार दिया। 


विशिष्ट वक्ता तहसीलदार धीरेन्द्र प्रताप सिंह व तहसीलदार न्यायिक सुप्रिया चतुर्वेदी ने राजस्व कोर्ट के ध्येय को साकार करने के लिए बार और बेंच के वृहद ज्ञान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। 


एसडीएम सौम्य मिश्र ने भी राजस्व संहिता के बहुआयामी उददेश्यों पर विचार रखे। कार्यक्रम के दौरान संयुक्त अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता भोला नाथ यादव व पूर्व जिला जज प्रेम सिंह को स्मृति चिन्ह एवं बुकें प्रदान कर सम्मानित किया गया। 


सेमिनार में प्रस्तावना कार्यशाला के संयोजक एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष सिविल शहजाद अंसारी ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण पूर्व अध्यक्ष ज्ञानप्रकाश शुक्ल व आभार प्रदर्शन महामंत्री शेष तिवारी ने किया। 


कार्यशाला में बाल कृष्ण यादव, अभिषेक सिंह, हरेन्द्र सिंह, प्रवीण यादव, राममोहन सिंह, विकास मिश्र, रामलगन यादव ने भी विधिक क्षेत्र में राजस्व संहिता की प्रभाविकता पर प्रकाश डाला। 


इस मौके पर कालिका प्रसाद पाण्डेय, संदीप सिंह, केबी सिंह, हरिशंकर द्विवेदी, शिवाकांत शुक्ल, दिनेश मिश्र, विपिन शुक्ल, ओपी जायसवाल, गया प्रसाद मिश्र, अनूप पाण्डेय, विनोद मिश्र, शिव प्रसाद यादव, शैलेन्द्र मिश्र आदि अधिवक्ता रहे।

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