BALRAMPUR...मेडिकल प्रैक्टिशनर चिकित्सकों की गोष्ठी


अखिलेश्वर तिवारी/वेद मिश्र
जनपद बलरामपुर मे ग्रेजुएट मेडिकल प्रैक्टिशनर चिकित्सकों का जीएमपीए के निर्देशन में सोमवार को आवश्यक गोष्ठी आयोजित की गई । गोष्ठी में एंटीबायोटिक रजिस्टेंस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई ।


19 सितंबर के सायंकाल को एक निजी प्रतिष्ठान डॉ हिफ़्जुर्राहमन अंसारी की अध्यक्षता मे ग्रेजुएट मेडिकल प्रेक्टिशनर एसोसिएशन (जीएमपीए) के समस्त चिकित्सकों ने अंटीबीओटिक रेजीस्टेंस पर एक गोष्ठी का आयोजन किया जिसमे आज कल ज्यादा तर अंटीबीओटिक रेजीस्टेंस होने पर बात हुई की ऐसा क्यू हो रहा है? अंटीबीओटिक का का सही चुनाव न करना और सही डोस न देना और बिना जरूरत के अंटीबीओटिक का प्रयोग करना भी वजह बतायी गयी, डॉ अब्दुल कय्यूम ने बाते की कान के मरीज़ों मे भी आज कल अंटीबीओटिक रेजीस्टेंस होने लगा है जिससे चिकित्सा जगत मे अच्छी संकेत नहीं माने जा रहे है, जिले के वरिष्ठ सर्जन डॉ प्रमोद श्रीवास्तव जी ने बताया की पिछले 20 सालों से कोई नयी एंटिबयोटिक्स की खोज नहीं हो पायी है और न ही कुछ वर्षो तक आने वाली है , सम्पूर्ण चिकित्सा जगत के लिय एह भी एक अति महत्त्वपूर्ण विचारणीय प्रश्न है । डॉ देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया की आज कल कुछ पुराने एंटिबयोटिक्स फिर से सेनसिटिव होने लगे है और आज कल की नयी एंटिबयोटिक्स ज्यादा तर रेजीस्टेंट मिल रहे है। डॉ अशोक सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए । इस गोष्ठी मे संगठन सचिव डॉ एफ रहमान, कोशाध्यक्ष डॉ ज्ञान प्रकाश तिवारी, डॉ इकबाल, डॉ ज़ाहिद, डॉ अखिलेश उपाध्याय, डॉ कुलदीप विश्वकर्मा ,डॉ असलम, डॉ डॉ सौरभ सिंह, डॉ मनीष सिंह, डॉ फिरोज आलम, डॉ अब्दुल सुभान, डॉ ज़ुबैर, डॉ के के राणा ,डॉ राकेश चंद्र श्रीवास्तव, एवं  डॉ शंकर सिंह सहित अन्य कई चिकित्सक उपस्थित रहें ।

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