रजनीश / ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। पहाड़ी नालों व बैराजों के पानी से घाघरा का जलस्तर एक बार तेजी से बढ़ता हुआ 20 घण्टे के भीतर करीब 1 मीटर ऊपर पहुंच कर खतरे के निशान से 29 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है।
जिससे करीब आधा दर्जन गांव फिर से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और गांव में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ता जा रहा है।
गोंडा और बाराबंकी की सीमा पर बने एल्गिन चरसडी बांध के पुराने हिस्से बांध के भीतर बसे गांव में पानी का सैलाब हो चुका है। जिसमें माझा रायपुर, नउवन पुरवा, परसावल, नैपूरा, तिलवारी, कमियार, कमरौली गांव शामिल है। इसके अलावा गोंडा जिले के ग्राम नकहरा के एक दर्जन मजरे फिर से जलमग्न हो चुके हैं।
शुक्रवार सुबह से शनिवार की सुबह तक 20 घंटे के भीतर घाघरा नदी का जलस्तर 1 मीटर से अधिक बढ़ गया और शनिवार शाम तक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 29 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। लगातार जलस्तर का बढ़ना जारी है।
वहीं घाघरा में आई फिर से एक बार बार के पानी ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। जिसमें आधा दर्जन ग्राम पंचायतों के साथ-साथ एक दर्जन मजरों को बाढ़ के पानी ने चपेट में ले लिया है।
लगातार बढ़ रहे घट रहे जलस्तर से बांध के लिए भी एक बार फिर से खतरा मंडराने लगा है। हालांकि बाढ़ खंड के अधिकारी बांध के खतरों को नजरअंदाज करते हुए बांध के सुरक्षित होने का दावा कर रहे हैं।
नदी का जलस्तर बढ़ते हुए डिस्चार्ज करीब चार लाख के आसपास पहुंच गया है और जलस्तर 29 सेंटीमीटर तक पहुंच चुका है।
बाढ़ खंड के अवर अभियंता रवि वर्मा बताते हैं कि नदी का जलस्तर बढ़ने से बांध को किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है बांध सुरक्षित है और जलस्तर खतरे के निशान से करीब आधा मीटर ऊपर जा सकता है।
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