पं बगीश तिवारी गोण्डा: पुलिस ने फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले अन्तर्राज्यीय साइबर अपराध गिरोह का भण्डाफोड करते हुए तीन आरोपियों क...
पं बगीश तिवारी
गोण्डा: पुलिस ने फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले अन्तर्राज्यीय साइबर अपराध गिरोह का भण्डाफोड करते हुए तीन आरोपियों को प्रयोग में लाए जाने वाले तमाम सामानों के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस मीडिया सेल से जारी प्रेस नोट के अनुसार इसी वर्ष के अगस्त माह के चार तारीख को मुख्य चिकित्साधिकारी महिला चिकित्सालय द्वारा पुलिस कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया गया कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा सरकारी/अधिकृत सीआरएस पोर्टल से मिलता-जुलता फर्जी पोर्टल बनाकर कूटरचित ढंग से जन्मप्रमाण पत्र तैयार किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्साधिकारी महिला चिकित्सालय के प्रार्थना पत्र पर थाना कोतवाली नगर में सम्बन्धित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया था।
पुलिस अधीक्षक गोण्डा आकाश तोमर ने घटना को संज्ञान में लेकर शीघ्र ही घटना के अनावरण हेतु अपर पुलिस अधीक्षक गोण्डा शिवराज के पर्यवेक्षण में टीमें गठित कर प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे।
उक्त निर्देश के अनुक्रम में थाना कोतवाली नगर व साइबर/सर्विलांस सेल की संयुक्त टीम द्वारा सुरागरसी-पतारसी कर फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गैंग के तीन सदस्यो गोण्डा जनपद के मनकापुर थाना क्षेत्र के भिटौरा गांव निवासी व मनकापुर कस्बे स्टेशन रोड मेन बाजार में रोहित लोकवाणी केन्द्र संचालक रोहित कुमार पुत्र घनश्याम , बस्ती जनपद के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के हथिनास गांव निवासी कृष्ण कुमार कनौजिया पुत्र रामनाथ और गोण्डा जनपद के नगर कोतवाली अंतर्गत फलाहारी बाबा आईटीआई रोड गायत्रीपुरम निवासी (जिसका स्थाई पता करनैलगंज के चकरौर गांव है)अभय श्रीवास्तव (सीएससी• जिला प्रबन्धक) पुत्र विजय कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से छः अदद लैपटाप, एक अदद स्कैनर, तीन अदद प्रिन्टर, पांच अदद एंड्रायड मोबाइल, चार अदद कीपैड मोबाइल, बीस अदद आधार कार्ड,एक अदद फिंगर प्रिंट स्कैनर, एक अदद, कैमरा व मुहर आदि बरामद किया गया।
उक्त आरोपी अनुचित लाभ प्राप्त करने हेतु उक्त कार्य किया जा रहा था। पूछताछ के दौरान अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि फर्जी वेबसाइड के माध्यम से जन्म-मृत्यु प्रमाण बनाने का कार्य हमलोगो द्वारा पिछले एक वर्ष से विभिन्न राज्यों में भी अपने डोमेन/वेबसाइड का प्रचार-प्रसार कर रिटेलर बनाकर अनुचित लाभ प्राप्त किया जा रहा था।
पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों के अन्तर्राज्यीय लिंकेज की जानकारी प्राप्त कर सम्बन्धित राज्यों/जिलों से भी कार्यवाही कराने कराने हेतु सम्पर्क स्थापित किया जा रहा हैं।
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