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एफआईआर में झोल पर झोल,बस की कमियों हुईं अनदेखी



हादसे के तथाकथित चश्मदीद दरोगा ने दर्ज कराया मुकदमा

 आनंद गुप्ता

लखीमपुर खीरी:ऐरा हादसे में दर्ज एआईआर सवालों के घेरे में है। एफआईआर दर्ज कराने में हुई जल्दबाजी के चलते बस की तमाम कमियों की अनदेखी हो गई। पुलिस का यह उतावलापन सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहा है।


ईसानगर थाने में दर्ज हुए ऐरा हादसे के मुकदमे में खमरिया चौकी इंचार्ज न सिर्फ वादी हैं। बल्कि वो घटना के चश्मदीद भी बने हैं। दर्ज एफआईआर में उन्होंने हादसे में ट्रक चालक को दोषी ठहराते हुए मालिक को ही ट्रक चालक बताया है। सवाल उठता है कि चालक जब गिरफ्तार नहीं हुआ तो किस बुनियाद पर ड्राइविंग सीट पर ट्रक मालिक की मौजूदगी का दावा किया गया।


 इसके अलावा हादसे के बाद ट्रक ड्राइवर कहाँ गया। यह सवाल न पुलिस के पास है और न ही तथाकथित चश्मदीद वादी मुकदमा खमरिया चौकी इंचार्ज शिवाजी दुबे के पास। ट्रक ड्राइवर के मौके से फरार होने के बाबत मुकदमे में कुछ नहीं कहा गया है।


 यह सवाल अभी तक बरकरार है कि बस को टक्कर मारने के बाद ट्रक चालक और कथित तौर पर मालिक पुल से लखीमपुर की तरफ भागा या बहराइच की ओर या फिर पुल से शारदा नदी में छलांग लगा गया।


उधर दुर्घटनाग्रस्त बस की बात करें तो परिवहन विभाग का रिकार्ड कहता है कि बस पर 25 चालान बकाया थे। बस में ड्राइवर समेत स्वीकृत सवारियों की संख्या 37 थी तो उसमें 75 से ज्यादा लोग कैसे भरे गए थे। यही नहीं बस को इस रूट पर सवारियां ढोने की अनुमति के बाबत आरटीओ लखनऊ ने भी इंकार किया है। 


तो बस किसके संरक्षण में चल रही थी। इसके अलावा बस चालक और उसके लाइसेंस के बाबत भी अभी तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। न ही अभी यह तस्वीर साफ है कि बस कौन चला रहा था।

दुर्घटनाग्रस्त बस की इतनी बड़ी कमियों को दरकिनार कर जिस तरह सिर्फ ट्रक के सिर पर ठीकरा फोड़ा गया है। वह लोगों के गले नहीं उतर रहा है।

 

थाना ईसानगर क्षेत्र की खमरिया चौकी के इंचार्ज शिवाजी दुबे ने ईसानगर थाने में ट्रक चालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। तहरीर में बताया गया कि ट्रक का मालिक बलजिंदर सिंह पुत्र सिकन्दर सिंह निवासी अस्सी कलान, लुधियाना,पंजाब स्वयं चला रहा था। 


अपनी तहरीर में खमरिया चौकी इंचार्ज शिवाजी दुबे ने कहा कि हादसे के दौरान अपनी ड्यूटी के तहत वे हमराही सिपाहियों के साथ ऐरा पुल पर मौजूद थे। जिन्होंने हादसे को करीब से देखा। उस दौरान ट्रक चला रहा उसका मालिक यातायात नियमों का उलंघन करते हुए गलत तरीके से ट्रक चला रहा था। जो इतने बड़े हादसे की वजह रही।


राष्ट्रपति तक ने दुख जताया,स्थानीय नेताओं को फुर्सत नहीं

ऐरा हादसे के बाद भले ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक ने ट्वीट कर संवेदनाएं व्यक्त की हों। पर घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्थानीय स्तर के किसी नेता को फुर्सत नहीं मिली जो हादसे का शिकार हुए लोगों के दरवाजे तक पहुंच पाते।


मरने और घायल होने वालों में ज्यादातर लोग धौरहरा के हैं। धौरहरा निघासन विधानसभा और खीरी लोकसभा का हिस्सा होने के साथ धौरहरा विधायक विनोद शंकर अवस्थी का गृह नगर भी है।


इतने बड़े हादसे में जहां 10 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग जख्मी हुए वहां पहुंचने के लिए न तो सत्ता पक्ष के किसी नेता मौका मिला और न विपक्ष को। सत्ता और विपक्ष के लोग अपनी राजनीति चमकाने से फुर्सत नहीं पा रहे हैं। 


अकेले धौरहरा कस्बे से हादसे मृतकों के छह जनाजे उठ गए और टाउन के 30 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। दुख के इस मौके पर न तो कोई जन प्रतिनिधि पीड़ितों के परिजनों का दुख बटाने पहुंचा और न ही कोई आर्थिक मदद की।

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