श्याम त्रिपाठी
गोण्डा:रेलवे प्लेटफार्म के बाहर संयुक्त कार्यालय के पास एक लावारिस कार पाई गई थी। कार चालक का शव नवाबगंज के पास एक पुलिया के नीचे पानी में उतराता मिला। आसपास के लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
बीते 26 सितंबर को मुख्यालय के गोंडा जंक्शन प्लेटफार्म के बाहर रेलवे के संयुक्त कार्यालय के पास एक संदिग्ध ग्रे रंग की टोयटा इटिओस कार लावारिस हालात में खड़ी मिलने से हड़कंप मच गया।
ऑटो चालक की सूचना पर रेलवे पुलिस व सिविल पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार का दरवाजा खोला गया तो पिछली सीट पर गाड़ी के अंदर खून के निशान पाए गए। पुलिस ने खून के छींटे का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा था।
गाड़ी में खून के छींटे मिलने के बाद लोग कार चालक की हत्या किए जाने की आशंका व्यक्त कर रहे थे। शुक्रवार की देर शाम नवाबगंज के नकहा पुल के नीचे एक अज्ञात व्यक्ति का शव पाया गया।
उसके पास मिले कागजात के मुताबिक वह महाराजगंज जनपद के कोल्हाईपुर गांव का रहने वाला था। जिसकी सूचना नवाबगंज पुलिस द्वारा परिजनों को दी गई। मौके पर पहुंचे परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।
मृतक के भाई नजीर अहमद ने मृतक इरफान की पहचान किया। रेलवे स्टेशन परिसर में संदिग्ध अवस्था में मिली कार महाराजगंज जनपद के कोल्हाई गांव रहने वाले वीरेंद्र सिंह के नाम रजिस्टर्ड है। बताया जाता है कि बीते 26 सितंबर की रात्रि 8 बजे यह कार अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लखनऊ के लिए बुक कराई गई थी।
उसके बाद नवाबगंज के पास कार चालक इरफान 35 वर्ष की हत्या कर शव को फेंक दिया गया। कार चालक की हत्या को लेकर कई अनसुलझे सवालों का जवाब पुलिस को खोजना होगा।
मसलन अगर बदमाशों ने कार लूटने की नियत से चालक की हत्या किया होता तो कार छोड़कर क्यों चले जाते। ऐसे में कहीं प्रेम प्रसंग में तो कार चालक की हत्या नहीं की गई।
फिलहाल पुलिस इस पूरे प्रकरण की कई एंगल से जांच कर रही है। इस संबंध में थानाध्यक्ष नवाबगंज से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया।
लेकिन फोन न मिलने के कारण पुलिस का पक्ष नहीं मिल सका।
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