गोण्डा:प्रदेश के मुखिया ने जनमानस की समस्याओं और उनका उच्च अधिकारियों तक पहुँच कर शिकायत का उचित निस्तारण हो इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा जनसुनवाई पोर्टल बनवाया गया था शिकायतकर्ता की शिकायत घर बैठे संबंधित विभाग को पहुंच सके और शिकायतकर्ता का समाधान हो पर कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने जनसुनवाई पोर्टल का मजाक बना दिया।
ऐसा ही मामला विकासखंड क्षेत्र के गांव बीरपुर में मिला जहां बीते वर्ष में पंचायत सहायक भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली गई थी जिसमें गांव के कई अभ्यर्थियों ने आवेदन किया पर चयन प्रक्रिया अभी तक नहीं हो सकी।
वीरपुर गांव निवासी उदय भान पांडे ने जिलाधिकारी को बीते वर्ष प्रार्थना पत्र देकर चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बताया था कि उनके भतीजे विशाल पांडे पुत्र राजभान पांडे ने पंचायत सहायक पद के लिए आवेदन किया जिसका अंक ग्रामसभा में सर्वाधिक होने के बाद भी ग्राम पंचायत के पात्रता सूची में दूसरे अभ्यर्थी को पात्र दिखाकर प्रस्ताव अधिकारियों को भेज दिया गया।
जिस पर जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण को जिला पंचायत राज अधिकारी को अग्रसारित कर जांच के लिए निर्देशित किया था।जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने भी प्रक्रिया चल रही है इसकी आख्या जनसुनवाई पोर्टल पर लगा दी।
शिकायतकर्ता ने 1 साल बीत जाने पर पुनः जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की तो जांच एडीओ आईएसबी विष्णु प्रजापति को मिली उन्होंने भी बिना जांच किए ही डीपीआरओ कार्यालय में प्रक्रिया लंबित होने की आख्या प्रेषित की इनकी आख्या देखने से लगता है कि अधिकारियों द्वारा बिना जांच के ही रिपोर्ट प्रेषित की जाती है ।
शिकायतकर्ता वीरपुर का है जबकि आख्या में ग्राम पंचायत दुर्गापुर दिखाया गया अब सवाल ये उठता है कि शिकायत को 1 साल बीतने के बाद भी निस्तारण नहीं हो सका तो आखिर शिकायतकर्ता कब तक जनसुनवाई पर शिकायत करे।
शिकायतकर्ता उदयभान पांडेय ने कहा कि जनसुनवाई पोर्टल बस दिखावा बनकर रह गया है अधिकारी अपनी मनमानी आख्या लगाते है।
आखिर एक साल बीत जाने के बाद भी मामले का निस्तारण नही हो सका तो तो कब होगा इसका किसी अधिकारी के पास जवाब नही है।
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