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निघासन: सोशल मीडिया पर तहरीर वायरल होने के बाद बैकफुट पर आई पुलिस,दर्ज किया अपहरण का मुकदमा,जानिए क्या है पूरा मामला



सतीश गुप्ता

निघासन खीरी: निघासन इलाके में बस में सवार होकर कॉलेज पढ़ने गई एक बीस वर्षीय छात्रा को निघासन चौराहे से गांव के ही कुछ युवकों ने अपने साथियों के साथ मिलकर अगवा कर लिया।


 छात्रा के पिता ने अनहोनी की आशंका जताते हुए थाना निघासन पुलिस को तहरीर दी, जिसे पुलिस ने लेने से इंकार कर दिया। बाद में दूसरी तहरीर लिखवाई, जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। निघासन पुलिस ने लापता युवती की तलाश के लिए दो टीम लगाई हैं।


आपको बताते चलें कि सिंगाही थाना इलाके के गांव की रहने वाली 20 वर्षीय युवती निघासन के एक डिग्री कॉलेज में बीए की छात्रा है। जो रोज की तरह शुक्रवार की सुबह आठ बजे बस से कॉलेज के लिए निकली थी, लेकिन वह देर शाम तक घर वापस नहीं पहुंची, तो परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू की और रिश्तेदारी सहित आज पड़ोस में भी पता किया, लेकिन युवती का कोई सुराग नहीं चल सका।


मामले में नया मोड़ तब आया जब शनिवार को गांव के लोगों ने ही एक संप्रदाय के लोगों द्वारा पंचायत कर सिंगाही पुलिस को अपहरण होने की सूचना दी। लेकिन सिंगाही पुलिस ने घटना स्थल निघासन के अंतर्गत का हवाला देते हुए  परिवार वालों को थाना निघासन भेज दिया।


युवती के पिता परिवार के अन्य लोगों के साथ निघासन कोतवाली पहुंचकर गांव के ही अनिल राना सहित दो अन्य साथियों की मदद से दिनदहाड़े पुत्री को अगवा करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। और दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका भी जताई, लेकिन निघासन पुलिस ने तहरीर को लेने से इंकार कर दिया। 


जिसके बाद दूसरी तहरीर लिखवाई गई। जिस पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 366 (विवाह आदि के लिए अपहरण ) के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली। पुलिस ने छात्रा की सकुशल बरामदगी के लिए दो टीमें लगाई हैं। उधर मामला दो समुदायों के बीच होने के कारण गांव में तनाव व्याप्त है।


छात्रा को अगवा किए जाने की घटना से पुलिस में हड़कंप मच गया। पुलिस तहरीर में खेल कर रही थी। उसने पीड़ित पिता से तहरीर भी बदलवाई, लेकिन दोनों ही तहरीरों में छात्रा के पिता ने अगवा करने की बात लिख दी। 


मामला जैसे ही सोशल मीडिया में सुर्खियों में आया वैसे ही पुलिस की मीडिया सेल ने मामले को झुठलाने की कोशिश की और खबर को भ्रामक बता दिया। इसी बीच पीड़ित पिता की दोनों तहरीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें अगवा करने की बात साफ-साफ लिखी हुई थी। इसके बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई और उसके सुर ढीले पड़ गए। नतीजतन पुलिस को अपहरण की धारा में रिपोर्ट दर्ज करना पड़ा।


 माना जा रहा है कि पुलिस तहरीर बदल कर मामले में खेल करना चाह रही थी, लेकिन सोशल मीडिया की सक्रियता से पुलिस के मंसूबे पूरे नहीं हो सके।


पीड़ित पिता ने बताया कि आरोपी उसके पड़ोस का ही रहने वाला है। वह पहले भी पुत्री के साथ छेड़छाड़ कर चुका है। पुत्री के बताने पर परिवार वालों ने आरोपी और उसके परिवार वालों से शिकायत कर नाराजगी जताई थी। 


इस पर परिवार वालों ने गाली गलौज कर देख लेने की धमकी दी थी। इसके बाद भी आरोपी नहीं माना और पुत्री को आए दिन परेशान करता था। समाज में बदनामी के डर से उसने मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की थीं। निघासन पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले गई है।


निघासन कोतवाल चंद्रभान यादव ने बताया की मामले में प्राथमिकी दर्ज कर युवती की शकुशल बरामदगी के लिए टीमें लगाई गई हैं। तहरीर बदलवाने का आरोप असत्य और निराधार है।


उधर सिंगाही एसओ दिनेश कुमार सिंह ने मामले में बताया कि लापता युवती के साथ उसकी सहेली भी थी, जिसके अनुसार कुछ सामान खरीदने की बात कहते हुए वह निघासन में उतर गई थी, और अपनी सहेली को कॉलेज भेज दिया। अपहरण करने की बात झूठी है। दोनों एक-दूसरे को पहले से जानते थे।

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