सुनील उपाध्याय
बस्ती। जिले के दुबौलिया विकासखंड के विशेश्वरगंज बाजार में चल रहे नव दिवसीय श्रीराम कथा के पांचवे दिन श्री राम जी के जन्मोत्सव को भव्य रूप से मनाया गया ।
कथा के माध्यम से देवी जी ने नारद जी के मोह प्रसंग को सुनाया कि नारद जी को कामदेव के जीतने का अहंकार मन में हो गया ।जिस अहंकार को समाप्त करने के लिए भगवान श्री नारायण ने नारद जी को विश्वमोहिनी स्वयंवर के माध्यम से मोह को भंग किया ।
आगे देवी जी ने मनु शतरूपा जी की तपस्या की कथा को सुनाया जिसमें उन्होंने कहा कि मनु शतरूपा ही दशरथ और कौशल्या बन कर के आए जिनके घर भगवान राम जी अपने 4 रूपों में अवतरित हुए आगे देवी कनकेश्वरी ने बताया कि राम जी के जन्म का पांचवा कारण है ।
राजा प्रताप भानु को श्राप लगा और वही राजा प्रताप भानु ब्राह्मणों के श्राप से रावण बने उनका छोटा भाई अरिमर्दन कुंभकरण बना और उनका जो मंत्री था ।
धर्मरूचि वो विभीषण बना और परिवार के जो सदस्य थे वह सब ब्राह्मणों के श्राप के कारण निशाचर देह को प्राप्त हुए,, राम जी के जन्म के सभी कारणों का वर्णन करते हुए बड़े धूमधाम से राम जी के जन्मोत्सव को मनाया गया । अयोध्या नगरी की सौंदर्य का वर्णन करते हुए महाराज दशरथ ने पुत्रेष्ठी यज्ञ का भी वर्णन किया।
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